भारत के राष्ट्रवाद को हिन्दू राष्ट्रवाद कहना चीन की सबसे बड़ी अन्यायपूर्ण अभिव्यक्ति
पाकिस्तान के कितने टुकड़े होंगे.. . ? और " सनातन सामाजिक व्यवस्था" क्या है ... ? आलेखों से आगे ..... भारतीय राज्य व्यवस्था के स्वरुप की एक और झलक इस आलेख में देखिये भारत की धर्म निरपेक्षता एवं सहिष्णुता आज की नहीं है बल्कि अति-प्राचीन है . भारतीय सनातनी व्यवस्था के चलते किसी की वैयक्तिक आस्था पर चोट नहीं करता यह सार्वभौमिक पुष्टिकृत तथ्य है इसे सभी जानते हैं . जबकि विश्व के कई राष्ट्र सत्ता के साथ आस्था के विषय पर भी कुठाराघात करने में नहीं चूकते. कुछ दिनों से विश्व को भारत के नेतृत्व में कुछ नवीनता नज़र आ रही है ... श्रीमती सुषमा स्वराज ने अपनी एक अभिव्यक्ति में कहा कि- संस्कृत में " वसुधैव कुटम्बकम" की अवधारणा है. उनका यह उद्धरण इस बात की पुष्टि है कि भारत की सनातनी व्यवस्था में वृहद परिवार की परिकल्पना बहुत पहले की जा चुकी. भारतीय सम्राट न तो धार्मिक आस्थाओं पर कुठाराघात करने के उद्देश्य के साथ राज्य के विस्तारक हुए न ही उनने सेवा के बहाने धार्मिक विचारों को छल पूर्वक विस्तारित किया . जबकि न केवल इस्लाम बल्कि अन्य