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22.10.08

समीर यादव एक उत्कृष्ट यात्रा पर......!!


"इस चित्र का इस पोस्ट से अंतर्संबंध कुछ भी नही बस जैसे लगा इसे भी आपको दिखाना है सो छाप दी




समीर यादव की रचना शीलता ,चिंतन,सब साफ़ सुथरा और मोहक भी है । इनके ब्लॉग "मनोरथ '' में प्रकाशित पोष्ट शहीद पुलिस स्तरीय बन पडी है ।समीर भाई सच एक उत्कृष्ट यात्रा पर हैं ।
वहीं मेरी एक अन्य नम्रता अमीन का ब्लॉग गुजराती से हिन्दी की ओर आता नज़र आ रहा है ब्लॉग का शीर्षक है :- "કહો છો તમે કેમ?
उधर कुन्नू भिया यानी अपने कुन्नू भैया की पोष्ट ईसबार Free Submission वाला साईट बनाया हूं। देख लें...
'का वाचन ज़रूर कीजिए । निरन्तर-हमको कुछ न कुछ अच्छा करते रहना चाहिए ताकि "ब्लाग- कालोनी का नज़ारा करते वक्त उनकी नज़र ", कदाचित आप पर पड़ जाए । टुकडे अस्तित्व के -, को भी नकारा न जाए क्योंकि शून्य में से शून्य के निकलते ही शून्य फ़िर शेष रह जाता है। चलिए अब आप अपना पना पता दे दो ताकि अपन भी आपके ब्लॉग को देख आएं । मीडिया नारद पर-"राज क्यों बने राज" बांचना न भूलिए "
तो फ़िर मन को भावुक करे वाला ब्लॉग -
मिस यू पापा......आज ही नहीं सदैव देखने लायक है
शुभ-रात्रि
मुकुल

8.10.08

: फ़िल्म आज फ़िर जीने की तमन्ना है में आभास जोशी


आभास जोशी का पहला एलबम साईं नाथ को समर्पित है "बावरे-फकीरा" जिसका संगीत रचा है उससे बड़े भाई श्रेयस ने जो आजकल "मोंटी शर्मा जी" की शागिर्दी में भविष्य के लिए मुकाम की तलाश में हैं साथी-स्वर श्रीमती संदीपा के हैं गीत मेरे हैं ये न कह कर ये मानता हूँ गीत साईनाथ के हैं.आज आभास के पास १८ साल की उम्र में एक फ़िल्म "आज फ़िर जीने की तमन्ना है ",दो एलबम.ढेरों कार्यक्रम हैं...इसे बाबा का आशीर्वाद ही कहेंगे

16.9.08

चलो इश्क की इक कहानी बुनें


हंसी आपकी आपका बालपन
देख के दुनिया पशीमान क्यो...?

रूप भी आपका,रंग भी आपका
फ़िर दिल हमारा पशीमान क्यों।

निगाहों की ताकत तुम्हारी ही है
इस पे मेरी ये आँखें निगाहबान क्यों..?
तुम यकीनन मेरी हो शाम-ए-ग़ज़ल
इस हकीकत पे इतने अनुमान क्यों ?
चलो इश्क की इक कहानी बुनें
जान के एक दूजे को अंजान क्यों ?

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...