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बुधवार, दिसंबर 01, 2010

सबसे लचीली है भारत की धर्मोन्मुख सनातन सामाजिक व्यवस्था

साभार: योग ब्लाग से


बेटियों को अंतिम संस्कार का अधिकार क्यों नहीं..? के इस सवाल को गम्भीरता से लिये जाने की ज़रूरत है. यही चिंतन सामाजिक तौर पर महिलाऒं के सशक्तिकरण का सूत्र पात हो सकता है. क़ानून कितनी भी समानता की बातें करे किंतु सच तो यही है कि "महिला की कार्य पर उपस्थिति ही " पुरुष प्रधान समाज के लिये एक नकारात्मक सोच पैदा कर देती है. मेरे अब तक के अध्ययन में भारत में वेदों के माध्यम से स्थापित की गई  की व्यवस्थाएं लचीली हैं. प्रावधानों में सर्वाधिक विकल्प मौज़ूद हैं. फ़िर भी श्रुति आधारित परम्पराओं की उपस्थिति से कुछ  जड़ता आ गई जो दिखाई भी देती है. सामान्यत: हम इस जड़त्व का विरोध नही कर पाते
  1. रीति-रिवाज़ों के संचालन कर्ता घर की वयोवृद्ध पीढी़, स्थानीय-पंडित, जिनमें से सामन्यत: किसी को भी वैदिक तथा पौराणिक अथवा अन्य किसी ग्रंथ में उपलब्ध वैकल्पिक प्रावधानों का ज्ञान नहीं होता. 
  2. नई पीढ़ी तो पूर्णत: बेखबर होती है. 
  3. शास्त्रोक्त प्रावधानों/विकल्पों की जानकारीयों से सतत अपडेट रहने के लिये  सूचना संवाहकों का आभाव होता है. 
  4. वेदों-शास्त्रों व अन्य पुस्तकों का विश्लेषण नई एवम बदली हुई परिस्थियों में उन पर सतत अनुसंधानों की कमीं. 
  5. विद्वत जनों में लोकेषणाग्रस्त होने का अवगुण का प्रभाव यानी अधिक समय जनता के बीच नेताओं की तरह भाषण देने की प्रवृत्तियां.स्वाध्याय का अभाव 
                       उपरोक्त कारणों से कर्मकाण्ड में नियत व्यवस्थाओं के एक मात्र ज्ञाता होने के कारण पंडितों/कुटुम्ब के बुजुर्गों की आदतें  परम्पराओं को जड़ता देतीं हैं. उदाहरण के तौर पर स्वास्थ्य सम्बंधी विज्ञान जन्म के तुरंत बाद बच्चे को स्तन-पान की सलाह देता है, घर की बूढ़ी महिला उसकी घोर विरोधी है. उस महिला ने न तो वेद पढ़ा है न ही उसे चिकित्सा विज्ञान की सलाह का अर्थ समझने की शक्ति है बल्कि अपनी बात मनवाने की ज़िद और झूठा आत्म-सम्मान पुत्र-वधू को ऐसा कराने को बाध्य करता है. आप बताएं कि किस धर्मोपदेशक ने कहां कहा है कि :- ”जन्म-के तुरन्त बाद  स्तन पान न कराएं. और यदि किसी में भी ऐसा लिखा हो तो प्रमाण सादर आमंत्रित हैं. कोई भी धर्म-शास्त्र /वेद/पुराण (यहां केवल हिंदू सामाजिक व्यवस्था के लिये तय नियमों की चर्चा की जा रही है अन्य किसी से प्रमाण विषयांतरित होगा ) किसी को जीवन की मूल ज़रूरतों से विमुख नहीं करता.
       परिवार में मेरे चचेरे भाई के जन्म के समय जेठानियों की मर्यादा का पालन करते हुए मां ने नवज़ात शिशु को स्तन पान विरोध कर रही जेठानियों को बातों में उलझा कर करवाया घटना का ज़िक्र ज़रूरी इस लिये है कि सकारात्मक-परिवर्तनों के लिये सधी सोच की ज़रूरत होती है. काम तो सहज सम्भव हैं. 
    मृत्यु के संदर्भ में मां ने अवसान के एक माह पूर्व परिवार को सूचित किया कि मेरी मृत्यु के बाद घर में चावत का प्रतिषेध नहीं होगा. मेरी पोतियां चावल बिना परेशान रहेंगी. उनके अवसान के बाद प्रथम दिन जब हमारी बेटियों के लिये चावल पकाये गए तो कुछ विरोध हुआ तब इस बात का खुलासा हम सभी ने सव्यसाची  मांअंतिम इच्छा के रूप में किया. 
The Blind SideDecision Points    यहां आपको एक उदाहरण देना ज़रूरी है कि भारतीय धर्म- आधारित सामाजिक व्यवस्था में आस्था हेतु प्रगट  की जाने वाली ईश्वर-भक्ति के  तरीकों में जहां एक ओर कठोर तप,जप,अनुष्ठान आदि को स्थान दिया है वहीं नवदा-भक्ति को भी स्थान प्राप्त है. यहां तक कि "मानस-पूजा" भी प्रमुखता से स्वीकार्य कर ली गई है.   आप में से अधिकांश लोग इस से परिचित हैं 
"रत्नै कल्पित मासनम 
हिम-जलयै स्नान....च दिव्याम्बरम ना रत्न विभूषितम ."
              अर्थात भाव पूर्ण आराधना जिसे पूरे मनोयोग से पूर्ण किया जा सकता है क्योंकि इस आराधना में भक्त ईश्वर से अथवा किसी प्रकोप भयभीत होकर शरण में नहीं होता बल्कि नि:स्वार्थ भाव से भोले बच्चे की तरह आस्था व्य्क्त कर रहा होता है. 
                         जीवन के सोलहों संस्कारों में वेदों पुराणों का हस्तक्षेप न्यूनतम है. जिसका लाभ उठाते हुए समकालीन परिस्थितियों के आधार पर अंतर्नियम बनाए जाने की छूट को भारतीय धर्मशास्त्र बाधित नहीं करते . मेरे मतानुसार  सबसे लचीली है भारत की धर्मोन्मुख सनातन सामाजिक व्यवस्था
वेद और पुराण /अभिव्यक्ति पर एक महत्वपूर्ण-जानकारी :- विरासत बना ऋग्वेद
 

कल मिलेंगे कि नहीं राम जाने परसों मिलतें हैं तब तक सुनिये ये गीत

जी कल कार्यशाला के बाद भी न मिल पाएंगे
परसों तक के लिये शब्बा खैर









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मंगलवार, नवंबर 30, 2010

हिंदी ब्लागिंग : विकास एवम संभावनाएं(जबलपुर-ब्लागर्स एसोसिएशन की आयोजना)

The Gift Crossing Oceans
बलपुर-ब्लागर्स एसोसिएशन की  आयोजना कार्यशाला दिनांक:: 01 दिसम्बर 2010, शाम : 06:30 से स्थान होटल :-सूर्या जबलपुर मध्यप्रदेश 
"हिंदी ब्लागिंग : विकास एवम संभावनाएं"

मुख्य अतिथि श्री विजय सत्पथी, हैदराबाद एवं विशिष्ठ अतिथि श्री ललित शर्मा, अभनपुर,(रायपुर) एवम श्री जी०के०अवधिया रायपुर छत्तीसगढ़ होंगे.
हिंदी ब्लागिंग : विकास एवम संभावनाएं विषय पर होने जा रही  कार्यशाला का विषय प्रवर्तन करेंगे पंकज गुलुस  
डाक्टर विजय तिवारी "किसलय" के आलेख सव्यसाची श्रेष्ठ ब्लागर सम्मान से सम्मानित श्री महेंद्र मिश्रा  द्वारा जबलपुर  के ब्लागिंग  इतिहास की प्रस्तुति  के साथ मुक्त-चर्चा आरम्भ होगी. जिसमें कनाडा से पधारे उड़न तश्तरी ब्लॉग वाले भाई समीर लाल, , कार्टूनिस्ट राजेश डूबे जी,गायक,शायर एवम वक़ील बवाल जी, हिंदी सिनेमा पर ब्लागिंग करने वाले युवा ब्लागर मयूर बक्शी, साहित्यकार विवेकरंजन श्रीवास्तव, चिंतक-विचारक सलिल समाधिया, प्रेम फ़रुख्खाबादी, आनंद कृष्ण ,शशिकान्त ओझा,संजू तिवारी  शामिल होंगे. यथा सम्भव यह प्रयास किया जा रहा है कि नेट पर इसकी सीधी नेटकास्टिंग की जावे ताकि़ आप घर बैठे अपने आप को इस कार्यक्रम से जुड़ा पाएं.  
Crossing Oceans स्नेहिल सहभागिता एवम उत्साहवर्धन के आकांक्षी समस्त ब्लागर्स :  जबलपुर 
समीर लाल, महेंद्र मिश्रा जी, गिरीश बिल्लोरे , कार्टूनिस्ट राजेश डूबे जी,बवाल जी,पंकज गुलुस, डाक्टर विजय तिवारी’किसलय’ मयूर बक्शी, विवेकरंजन श्रीवास्तव, सलिल समाधिया, प्रेम फ़रुख्खाबादी, आनंद कृष्ण ,शशिकान्त ओझा,संजू तिवारी
 समयचक्र पर देखिये :- जबलपुर में एक और ब्लागर मिलन

रविवार, नवंबर 28, 2010

जन्म दिन की पूर्व संध्या भक्ति-मय bambuser ने बना दी साथ ही ब्लागिंग पर कार्यशाला की तैयारी ज़ोरों पर



श्रद्धा बिटिया का गाया "भजन"   और आयुषी ने भी दो गीत लाइव प्रस्तुत किए एक सुनिये ”यहां
The Blind Sideब्लाग जगत को सूचित किया करते हुए हर्षित हूं कि दिनांक 01/12/2010 को जबलपुर ब्लागर्स कार्यशाला का आयोजन प्रशासनिक की कसावट के कारण स्थानीय शादीयां शादी मंडपों से होटलों में शिफ़्ट होने से स्थान परिवर्तित करना पड़ा अब यह कार्यशाला होटल सूर्या के कांफ़्रेंस हाल सायं नियत समय में प्रारम्भ होगी . कार्यशाला के मुख्य अतिथि होंगे श्री विजय सत्पथी, विशिष्ठ अतिथि श्री ललित शर्मा. पाण्डिचेरी में थे एक राष्ट्रीय आर्टीजन-कार्यशाला जिसके लिये वे छत्तीसगढ़ के प्रमुख प्रतिनिधि थे को अधूरा में  छोड़ कर रवाना हो चुके हैं . साथ हीसमीर भाई,महेंद्र मिश्रा जी, डूबे जी,बवाल जी,पंकज गुलुस, डाक्टर विजय तिवारी’किसलय’ मयूर बक्शी,विवेकरंजन श्रीवास्तव, सलिल समाधिया, प्रेम फ़रुख्खाबादी, आनंद कृष्ण ,शशिकान्त ओझा,संजू तिवारी यानी सभी से मिलना होगा कार्यशाला में.
           जबलपुर की कार्यशाला का लाइव प्रसारण करने का प्रयास रहेगा यदि कोई तकनीकी समस्या न हुई तो .ऐसा होना तय है. अगर यह सहज हो सका तो बज़्ज़ पर एक लिंक दिया जावेगा आप भी चैट के ज़रिये जुड़ सकतें हैं. . सतत स्नेह एवम जुड़ाव हेतु; निवेदन के साथ कल; 48 बरस पूरे कर लूंगा जीवन के उतार चढ़ावों, भावों-अभावों के बीच अर्ध शतक से; दो बरस पीछे ख्ड़ा हिसाब लगा रहा हूं होये पाये का आशीर्वाद दीजिये, दुलारिये, स्नेह दीजिये ताकि शेष जीवन सफ़ल और सुफ़ल कर पाऊं 

माय एफ़ एम 94.3 पेशन वीक मे गिरीश बिल्लोरे

शनिवार, नवंबर 27, 2010

नेटकास्टिंग: घर बैठे आप टीवी शो बनाएं दुनियां भर को दिखाएं


विवेक रस्तोगी के सुझाये रास्ते पर समीर लाल बवाल और सलिल समाधिया
अभिनव प्रयोग Live Netcast :"हिंदी ब्लागिंग के इतिहास में पहला प्रयोग " 

Talk Show With Sameer Lal, Bawal & Salil Samadhiya By G.Billore
प्रस्तुति : गिरीश बिल्लोरे "मुकुल"

Melodi of life

यह भी अनूठा प्रयोग रहा इसके लिये मैं ब्लागप्रहरी के निर्माता "कनिष्क-कश्यप"का आभारी हूं.  आज़ का सफ़ल प्रयोग Bambuser  और ustream  पर ustream अपेक्षाकृत  अधिक उपयोगी एवं स्मूथ है फ्री है आप भी आजमा सकते हैं.अर्चना चावजी  ने भी Bambuser पर खता खोल लिया है देखिये  :- रचना बजाज जी के गीत को सुनिये यहां "चलो चलें नवयुग की ओर !!" और यहां सुनिये "सरस्वति-वंदना"सच कितना कुछ है करने को और हम हैं कि बस विवाद लाद रहें हैं नेट पर  

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मुझे नही मालूम इसे क्या कहा जाए मैं इसे नेटकास्टिंग नाम दे रहा हूं शायद आप स्वीकारेंगे

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शुक्रवार, नवंबर 26, 2010

चायना ब्लागर्स मीट के स्थगित होने का असर जबलपुर मीट पर नही : समीर लाल



श्री विजय सत्पथी
  "चीन में आयोजित होने वाली मीट के स्थगित होने के असर पर पूछे गए एक सवाल पर समीर लाल ने गम्भीर होकर सूचित किया कि ऐसी किसी घटना का असर जबलपुर ब्लागर्स मीट पर होना असम्भव है. हां यह अवश्य है कि कारणों की पड़ताल इस मीट में. की जा सकती है. ब्लागर्स इस बात से चिंतित न हों कि  !"
 तदाशय के विचार आज उनके द्वारा घनघनाए टेलीफ़ोन्स  के ज़वाब में दिये तथा मुझे तदाशय की सूचना जारी करने के निर्देश भी दिये. ताकि ब्लाग जगत में फ़ैल रीं   अफ़वाहों पर लगाम कसी जा सके. 
ब्लाग जगत के लिये आवश्यक सूचना यह है कि जबलपुर ब्लागर्स मीट में आने वाले मुख्य अतिथि श्री विजय सत्पथी होंगें . जिनका ब्लाग "The Soul of my Poems"मुझे बहुत पसंद है उनके अन्य ब्लाग निम्नानुसार हैं

श्री विजय सत्पथी के नगरागमन पर 
जबलपुर-ब्लागर्स-मीट
दिनांक: 01/12 /2010 /सायं: 06:00 बजे  से 
स्थान : होटल सत्य-अशोका जबलपुर 
रात्री भोज:- 
नोट :-भोज पूर्व ताज़े फलों का पेय  एवं अन्य पेय पदार्थ मीनू में शामिल हैं .

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