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बुधवार, मार्च 03, 2010

''पाबला जी से खुली बातचीत !''

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साथियो आपका हार्दिक अभिवादन, होली के पूर्व श्री बी एस 
पाबला से खुल कर चर्चा हुई . किन्तु नेट एवं अन्य विवषताओं 
के चलते पाडकास्ट पोस्ट न कर सका. सादर प्रस्तुत है. 
आपसे पाडकास्ट  इंटरव्यू की  कमियों की ओर इंगित कर 
मुझे मार्गदर्शन दीजिये 
भवदीय मुकुल
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बवाल मिथलेश और अनीता कुमार जी एक साथ

यह एपिसोड होली के दिन रिकॉर्ड किया है जिसे हू ब हू पेश कर रहा
याद आप यहाँ न सुन पाए तो ''इधर'' चटका लगाइए जी   
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प्रतीक्षा कीजिए शीघ्र ही होगी पाबला जी से धमाकेदार मुलाक़ात
हिन्दी ब्लागिंग में जारी झंझावातों पर खुल के बोले पाबला जी 
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मंगलवार, मार्च 02, 2010

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता

सिद्धार्थ जोशी जी से मजाहिया भेटवार्ता को कविता जी से हुई वार्ता के साथ लिंक्ड कर दिया था किन्तु शायद मित्र उनको नहीं सुन पाए आज इस वार्ता को पुन: प्रस्तुत कर रहा हूँ............

सोमवार, मार्च 01, 2010

कविता वाचक्नवी जी और सिद्धार्थ जोशी से बात चीत

कविता वाचक्नवी जी से बात चीत सादर प्रस्तुत है ..... ............सिद्धार्थ जोशी जी को सुनने के लिए ''यहाँ'' क्लिक कीजिये

       

                                  
  
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रविवार, फ़रवरी 28, 2010

अविनाश जी से सुनिए आज के होली समाचार

आप भी इस कवि सम्मेलन का हिस्सा बनें

आप इस तकनीकी कवि सम्मेलन का हिस्सा होकर दुनिया भर के लाखों कविता प्रेमियों से सीधे जुड़ सकते हैं। प्रक्रिया बहुत सरल है। रश्मि प्रभा के साथ यदि आप भी अतिथि संचालक होना चाहते हैं तो भी हमें लिखें।


1॰ अपनी साफ आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
7. मार्च 2010 अंक के लिए कविता की रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि- 21 मार्च 2010
8. मार्च 2010 अंक का पॉडकास्ट सम्मेलन रविवार, 28 मार्च 2010 को प्रसारित होगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी ''आवाज़''  पर पायें 
अब सुनिए समाचार अविनाश जी से

शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010

धोनी ने जिस कुएं का पानी पिया वो अदा जी के घर में ही

स्वप्न मंजूषा 'शैल' 
छवि साभार :  क्वचिदन्यतोअपि..........!
https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=f28b6629c4&view=att&th=1270adc2653ef6e0&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_g63pkyqp0&zw अदा जी के प्रोनाउन [सर्वनाम] 



अदा जी से हुई बात चीत में हुए खुलासे 
  • रांची में अदा जी और धोनी ने जिस कुएं का पानी पीया है वो अदा जी के घर में ही 
  • अदा जी से  विवाह के लिए उनके पिता जी को आवेदन पत्र पेश किया था संतोष जी ने 
  • अदा जी  मिमिक्री आर्टिस्ट एंकर प्रोड्यूसर और पिछले छै महीने से हिन्दी-ब्लॉगर भी हैं 
  • अदा जी कविता,गज़ल,नृत्य,नाट्य,ध्वनि-आधारित कला साधिका हैं 
अदा  जी  को कनाडा सरकार ने सम्मानित किया
    यकींन न  हो तो खुद ही सुनिए 

    गुरुवार, फ़रवरी 25, 2010

    आज समीर भाई जम के पियेंगे

    समीर जी का होली हंगामा
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    मित्रों, यह कोई कविता नहीं और न ही स्पष्टीकरण है.बस एक मजबूर का मजबूरियों का बखान है.
    जिस मूड़ में लिखी गई है, उसी मूड में पढ़िये और आनन्द उठाईये.
    इस मजबूरी में अन्तिम छंद चिट्ठाकारी को समर्पित है.
    जब चाँद गगन में होता है
    या तारे नभ में छाते हैं
    जब मौसम की घुमड़ाई से
    बादल भी पसरे जाते हैं
    जब मौसम ठंडा होता है
    या मुझको गर्मी लगती है
    जब बारिश की ठंडी बूंदें
    कुछ गीली गीली लगती हैं
    तब ऐसे में बेबस होकर
    मैं किसी तरह जी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब मिलन कोई अनोखा हो
    या प्यार में मुझको धोखा हो
    जब सन्नाटे का राज यहाँ
    और कुत्ता कोई भौंका हो
    जब साथ सखा कुछ मिल जायें
    या एकाकी मन घबराये
    जब उत्सव कोई मनता हो
    या मातम कहीं भी छा जाये
    तब ऐसे में मैं द्रवित हुआ
    रो रो कर सिसिकी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब शोर गुल से सर फटता
    या काटे समय नहीं कटता
    जब मेरी कविता को सुनकर
    खूब दाद उठाता हो श्रोता
    जब भाव निकल कर आते हैं
    और गीतों में ढल जाते हैं
    जब उनकी धुन में बजने से
    ये साज सभी घबराते हैं
    तब ऐसे में मैं शरमा कर
    बस होठों को सी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    जब पंछी सारे सोते हैं
    या उल्लू बाग में रोते हैं
    जब फूलों की खूशबू वाले
    ये हवा के झोंके होते हैं
    जब बिजली गुल हो जाती है
    और नींद नहीं आ पाती है
    जब दूर देश की कुछ यादें
    इस दिल में घर कर जाती हैं
    तब ऐसे में मैं क्या करता
    रख लम्बी चुप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.
    चिट्ठाकारी विशेष:
    जब ढेरों टिप्पणी मिलती हैं
    या मुश्किल उनकी गिनती है
    जब कोई कहे अब मत लिखना
    बस आपसे इतनी विनती है
    जब माहौल कहीं गरमाता हो
    या कोई मिलने आता हो
    जब ब्लॉगर मीट में कोई हमें
    ईमेल भेज बुलवाता हो.
    तब ऐसे में मैं खुश होकर
    बस प्यार की झप्पी लेता हूँ
    वैसे तो मुझको पसंद नहीं
    बस ऐसे में पी लेता हूँ.

    --समीर लाल 'समीर'

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