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अप्रैल, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इंडो यूएस रिलेशन बनाम पराधीन सपनेहु सुख नाही

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#पराधीन_सपने_सुख_नाही [ वैक्सीन रा मटेरियल आपूर्ति प्रकरण पर त्वरित टिप्पणी ] भारत के संदर्भ में अमेरिकन डीप स्टेट और #जो_बायडन ने वैक्सीन के लिए रा मैटेरियलस की आपूर्ति के लिए जो प्रतिबंध लगाए थे को लिफ्ट करने का आश्वासन दिया है। परंपरागत मित्र रूस यूरोपीय यूनियन फ्रांस कनाडा ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर और भारत के बड़ी संख्या में मित्र राष्ट्र जिनमें ईरान यहां तक कि पाकिस्तान भी शामिल है ने मानवता के हित में भारत को #कोविड19 से जुड़ने के लिए जो हाथ बढ़ाए उसे देख कर जो वाइडन प्रशासन को अपनी नीति में बदलाव करना पड़ा। कुछ राष्ट्र ऐसे होते हैं जो आत्म केंद्रित सिद्धांत पर ही चलते हैं। लेकिन दक्षिण एशिया सहित भारत के  दुख को समझने वाले मित्र यहां तक कि मित्र राष्ट्र भी भारत में प्रति 24 घंटे में 200 से अधिक प्रभावित हो रहे मनुष्यों की रक्षा के लिए आगे कदम बढ़ा रहे हैं। एक सामाजिक टिप्पणी कार और मानवतावादी टिप्पणीकार की हैसियत से मुझे वह घटना याद आ रही है जब भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन की तकनीकी आवश्यकता थी। और इसी अमेरिकी डीप सरकार ने ना केवल और सहयोग कि

सूर्या के समक्ष नतमस्तक हुए ऊर्जा मंत्री

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यह कोई अपराधी नहीं जो अपने किए का पछतावा कर रहा हो। यह है मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह आइए इस तस्वीर के पीछे की कहानी बताता हूं ।            देश पर जब संकट आता हैं तो सबसे पहले स्वदेशी कंपनी ही सेवा के लिए आगे आती हैं,जिसका उदाहरण कल   #सूर्या_कंपनी ग्वालियर ने बल्ब निर्माण की नियमित यूनिट बंद कर आक्सीजन की सप्लाई मरीजों के लिए कर दी...।।       इस सराहनीय कार्य पर मध्यप्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर कंपनी के प्रबंधन के इस निर्णय के फल स्वरुप दोनों हाथ जोड़कर घुटनों के बल बैठ कर प्रबंधन के सामने नतमस्तक हो आभार व्यक्त किया.। स्वदेसी उद्योग को बढ़ावा दो ये अपने है सुखदुःख के साथी है । धन्य हैं #सूर्या_रोशनी, दोस्तो स्वदेशी उद्योगों ओर उद्योगपतियो को आयातित विचारकों के कहने में आकर अपमानित नहीं करना चाहिए ,देश मे आए संकट पर ये स्वदेशी उद्योग और उद्योगपति ही काम आते है ,अफवाह फैलाने वालों ओर भगदड़ मचाने वालों को इस अनुकरणीय कार्य से शिक्षा लेनी चाहिए। नमन #सूर्या कम्पनी ओर उसके मालिक को। हमे गर्व है अपने स्वदेसी उद्योगों ओर उद्योगपतियों पर।  सूचना सौज

मैक सिंह के युधिष्ठिर का जाना अखर रहा है..!

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आज हमारे बीच से बीएस पाबला विदा हो गए। 2007 में हम सब ने अंतरजाल पर लिखना शुरू किया था उस शुरुआती दौर में एक दिन एसएमएस आया दिन था 29 नवंबर का। यह दिन मेरा जन्म दिवस है। पाबला जी को उस दौर के हर चिट्ठाकार जन्मदिन विवाह की तिथि याद थी। और सभी को शुभकामनाएं सबसे पहले भेजा करते थे। चिट्ठे पर लिखते भी धाराप्रवाह प्रांजल भाषा का प्रयोग करते हुए उनके विचार खास तौर पर एक आर्टिकल याद है जिसमें उनकी कार छत्तीसगढ़ से एक लंबी यात्रा में क्षतिग्रस्त हो गई थी यह यात्रा वृतांत बेहद रोमांचक और अविस्मरणीय है। पाबला जी का जीवन संघर्ष भरा ग्रंथ कहा जाए तो गलत ना होगा। पूज्यनिया भाभी साहब का जाना पुत्र विछोह उनके जीवन का सबसे दर्दनाक हिस्सा रहा है। पाबला जी से हमारी से शरीर में वर्ष 2011 में विश्व ब्लॉगिंग सम्मेलन में दिल्ली में हुई थी।  व्यक्तित्व बड़ा शानदार और आलीशान था। उनका हमारे बीच से असमय जाना एक दर्दनाक पहलू है। पाबला साहब बहुत सहज और सुलभ थे। पाबला जी को ब्लॉगिंग तकनीकी का गहरा ज्ञान था। हमारी गलतियों और भूलों के कारण अगर हमारे ब्लॉग में कोई गलती या कमी होती है तो हम बेधड़क उनको कॉल

राम और रामायण कदापि काल्पनिक नहीं..!

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यह आर्टिकल वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित गैर राजनीतिक आर्टिकल  है । जो यह सिद्ध करता है कि राम कोई काल्पनिक चरित्र नहीं है कृपया इसे अवश्य देखें और शेयर भी कीजिए जिससे अधिकतम राम भक्तों तक यह पहुंच सके। 💐💐💐💐 प्रभु श्री राम की जन्म दिवस पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। कल 20-21 अप्रैल 2020 की लगभग पूरी रात की अथक कोशिशों के बाद भगवान श्री राम के संबंध में जो जानकारी जुटा सका हूं उसके अनुसार कुछ बातें संक्षिप्त में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। इसे आप धैर्य और वैज्ञानिक आधार पर देखेंगे ताकि आप वर्तमान में पढ़ाए जा रहे पश्चिमी एवं वामपंथी विचार को द्वारा लिखे गए इतिहास को समझ पाएंगे। वर्तमान में पढ़ाई जा रहे इतिहास में ढेरों भ्रामक जानकारी हैं। यह आर्टिकल किसी भी प्रकार से किसी विचारधारा का समर्थन ना करते हुए केवल सत्य को समर्पित है।       पृथ्वी की उत्पत्ति एक खगोलीय घटना है। इस घटना में पृथ्वी आज से 4 दशमलव 5 करोड़ वर्ष पूर्व अपने पथ पर स्थापित हुई। पर प्रकृति अर्थात उसके शीतल होते होते कुछ करोड़ों वर्ष और लगे तदुपरांत ही जीवन उपयोगी वातावरण निर्मित हुआ। यह मान लेते हैं कि 

नक्सली हिंसा : वामधारा की देन..!

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   वामधारा सिंचित नक्सलबाड़ी वार से रक्तपात भारत को बचाने चरम प्रयासों की ज़रूरत : गिरीश मुकुल      यह एक चरमपंथी विचार है । चरम सदा ही पतन का प्रारंभ होता है। अक्सर आप जब शिखर पर चढ़ने का प्रयास करते हैं तब आपका उद्देश्य होता है.... स्वयं को श्रेष्ठ साबित कर देना। इसका अर्थ यह है कि आप चाहते हैं-" आप उन सब से अलग नज़र आएं जो भीड़ का हिस्सा नहीं है ।     वामधारा चरमपंथी धारा है। यह एक ऐसी विचारधारा है जिसका प्रारंभ ही कुंठा से होता है।      कोई भी व्यक्ति जो कुंठित है अर्थात पीडा और क्रोध के सम्मिश्रण युक्त व्यवहार करता है या कुंठित है वह सामान्य रूप से हिंसा के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति बनता है। अर्थात पीड़ा और क्रोध हिंसा  सृजन का प्रमुख घटक है।       अब आप यह कहेंगे कि-" कृष्ण ही नहीं महाभारत के लिए उत्प्रेरित क्यों किया क्या वे पीड़ा युक्त क्रोध यानी कुंठा से ग्रसित थे..!"      नहीं कृष्ण कुंठा से ग्रसित नहीं थे। कृष्ण ने युद्ध टालने के बहुत से प्रयास किए उनका अंतिम कथन यह था की कुल 5 गांव पांडवों को दे दिए जाएं ।       कुंठित तो दुर्योधन था जिसने इतना भी

ध्वज तिरंगा लौहित किले पे अनमना है ।

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            यह कविता राष्ट्र द्रोहियों की दुरभि संधि को उजागर कर रही है 26 जनवरी से लेकर 3-4 अप्रैल 2021 तक की घटनाओं की निकटता को प्रस्तुत कर रही है। देखना है शाहीन बाग पर अश्रुपात करने वाली कलमों की #पहल क्या होगी ..? व्योम पे देखो ज़रा क्या तम घना है ? रुको देखूँ शायद ये मन की वेदना है ।। रक्त वीरों का सड़क को रंग रहा है - ध्वज तिरंगा लौहित किले पे अनमना है । आज ग़र कौटिल्य मिल जाये कदाचित कहूँगा जन्म लो चाणक्य मेरी याचना है । बंदूक से सत्ता के पथ खोजे जा रहें हैं- जनतंत्र मेरे वतन का अब अनमना है ।। आयातित बकरियों, का चरोखर देश ये कर्मयोगी बोलिये, अब क्या बोलना है ? आज़ाद मुक्ति मांगते बेशर्म होकर - मुक्ति की ये मांग कैसी, और कैसी चेतना है ? आज़ फिर सुकमा की ज़मीं को रंगा उनने दुष्टों का संहार कर दो भला अब क्या सोचना है ।।