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मिसफ़िट पर उन बुकीज़ का हार्दिक स्वागत है जिनके द्वारा क्रिकेट का खेल एक तरह से नियंत्रित किया जाता है. पर अपने पाबला जी और ललित जी कुछ समझते ही नहीं. सही-गलत के गुणा-भाग में लगे हैं. अरे भाई आज़ समझे कि न मैं तो कब से इन दौनो साहबान को बता रहा था किरकिट का खेल बुकी भैया लोग खिलवाते हैं पर कोई माने तब न...?
अब सारे ब्लागर्स मिल के इन बुकीज़ का स्वागत करने का सबको पता चल गया न अब जनता के सर से किरकिट का भूत उतर जाएगा
ललित भैया ने पूछा :-”दादा, फ़िर किस का भूत चढ़ेगा पब्लिक पे ”
तो भैया जी ,दीदीयां , सखियां सब कान खोल के सुन लीजिए इब ब्लागिंग का भूत चढ़ने वाला है इसी लिये इन बुकीज़ का स्वागत करवा दीजिये हा हा ही ही हू हू
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