18.2.11

गौरैया तुम ये करो

एक खबर जागने की
तुम सुबह से ही
लेकर आ जाती हो
ये नहीं कहती तुम भी जागो
मुंडेर पर चहकना तुम्हारा
जगा देता है
सुनो अब से कुछ और देर
बाद बताने आया करो !
मुझे सोने दो जागते ही मुझे नहीं सुननी
वो गालियां जो
गांव की गलियों से शहर तक देतें हैं लोग
व्यवस्था वश एक दूसरे को
हां गौरैया तुम ये करो
उन जागे हुओं को जगा दो
उनको बता दो
मुझे चाहिये मेरे
मेरे पुराने गांव
मेरे  पुराने शहर
हां गौरैया तुम ये करो



4 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

sundar rachna

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

उन जागे हुओं को जगा दो
उनको बता दो
मुझे चाहिये मेरे
मेरे पुराने गांव
मेरे पुराने शहर
हां गौरैया तुम ये करो

सच गौरैया यह करो ना..... बहुत सुंदर

Archana Chaoji ने कहा…

हाँ, गौरैया तुम ये कर सकती हो...तुम्हे ये करना होगा ......प्लीज गौरैया करोगी न???मेरे लिये
मुझे चाहिये मेरे
मेरे पुराने गांव
मेरे पुराने शहर
..............और मेरा वही पुराना घर...
प्लीज..प्लीज...प्लीज करो न गौरैया !!!.......

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

काश ऐसा हो जाये.

Wow.....New

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