हिंद-युग्म साधकों की साधना अंतरज़ाल के लिये एक अनूठा उपहार है. और जब मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिलता तो मैं सब कुछ छोड़कर पूरी लगन से काम करतीं हूं. मुझे ही नही सभी को हिंद-युग्म की प्रतीक्षा होती है. मिसफ़िट पर सादर प्रस्तुत है हिन्द-युग्म से साभार
आवाज हिन्दयुग्म से ओल्ड इज़ गोल्ड श्रंखला---भाग 8 और 9-----
एक मै और एक तू---
हम बने तुम बने एक दूजे के लिए------
एक मै और एक तू---
हम बने तुम बने एक दूजे के लिए------
4 टिप्पणियां:
हम सभी एक दूजे के लिये ही बने हैं...
LAJWAAB
मं बाप जाये भाड मे ना :)
लो दो ज़वाब राज़ दादा जी को
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