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अफगान सरकार ने भारत रूस ईरान और अमेरिका से मांगी सहायता

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मीडिया के अनुसार  हिंदुकुश की पहाड़ियों से अमेरिकी सुरक्षाबलों के हटते ही अफगान सरकार अब भारत, रूस, ईरान और अमेरिका के हवाई समर्थन से तालिबान को हराने के लिए तैयार है. अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान पर एयर स्ट्राइस करने के लिए भारत, रूस, ईरान और अमेरिका से मदद मांगी है.           मीडिया खबरों की माने तो अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही अफगान सरकार को विश्वास है कि हवाई हमलों के जरिये तालिबान को रोका जा सकता है. हालांकि अभी अफगान को तालिबान को रोकने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है.     उपरोक्त समाचार से स्पष्ट होता है कि अफगान सरकार ने 4 बड़े देशों से तालिबान से अफगानिस्तान को बचाने के लिए मदद की दरकार की है। स्पीड चलाने वाली वानी रफत ने अपने टि्वटर हैंडल से एक फेक न्यूज़ जारी की है जिसके तहत वह यह साबित करने की कोशिश में लगी हुई है कि अफगान के आंतरिक मामलों में भारत सरकार अनावश्यक रूप से गोला बारूद मुहैया करा रही है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक टि्वटर स्पेस में कश्मीर और पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर के मुद्दों पर बहुत से भड़ास निकाली जा रही है। अब कान समस्या को लेकर भारत

जार्जिया भारत के नए सम्बन्धों का श्री गणेश....

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परिंदे हंसते हैं उस पर...!

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       उम्मीद ना थी कि हम कभी इतना एकाकी महसूस करेंगे। उसे बहुत तकलीफ हो रही थी जब उसने अपने बच्चों को बाहर पढ़ने भेजा। वह जानता था यह अब वापस नहीं आने वाले। परंतु अनिश्चितता भरे इस जीवन क्रम में बच्चों के हर फैसले को स्वीकारना उसकी नियति थी। भले ही यह शहर गांव के लिए उम्मीदों का शहर हो पर इस शहर में रहने वाला बच्चा इस शहर को पता नहीं क्या समझता है। उसे क्या मालूम था कि अब नन्हीं पाखी के पर निकल आए हैं। समझाने की तो बहुत कोशिश की परंतु पाखी के अपने अकाट्य तथ्य थे। कस्बा नुमा  शहर जिसे वह अपना शहर कहता है बच्चों के लिए सुविधा ही गांव से हटकर कुछ और नहीं। बहुत समझाया था कि  कॉलेज यूनिवर्सिटी महत्वपूर्ण नहीं होती महत्वपूर्ण होता है तुम्हारी अध्ययन शीलता। उसे अच्छी तरह से बार-बार समझाने के बाद बेटी जिद के आगे झुकना पड़ा। अपने शहर से कुछ बड़े शहर के किसी बेहतर  कॉलेज की तलाश में जाने के लिए कार में सवार होकर पत्नी और पाखी के साथ उसका जाना सुनिश्चित हो गया था। एक विचार बार-बार मन में उभर रहा था कि पता नहीं पाखी को फिर वापस आएगा या नहीं बस यह सवाल उसकी चिंता बन चुका था ।     जब वह

एनसीईआरटी को भेजे गए प्रस्ताव

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एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों में परिवर्तन परिवर्तन एवं संवर्धन बाबत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपेक्षित विषयांतर्गत बिंदुओं पर निम्नानुसार बिंदु नवीन पाठ्यक्रम में जोड़े जाने की जरूरत है विषय वार हम क्रमागत रूप से अनुरोध करते हैं कि कृपया समस्त बिंदुओं में हमारी इन सुझावों को यथोचित स्थान देने की कृपा कीजिए नवीन शिक्षा नीति के तहत अथवा उसके पूर्व निम्नानुसार पाठ्यक्रम परिवर्धन परिवर्तन संवर्धन की अपेक्षा है 1 :- गणित [  ] जब क्षेत्रीय भाषाओं का अध्ययन भी कराया जाना है ऐसी स्थिति में गणना प्रणाली में कम से कम पांचवी कक्षा तक संस्कृत की गणना प्रणाली को केवल इस उद्देश्य से शामिल किया जाना प्रस्तावित है ताकि विद्यार्थी को संस्कृत के शब्दों को सुनने समझने का अवसर प्राप्त हो । [  ] यथासंभव वैदिक गणित को भी स्थान देना प्रस्तावित है 2 : विज्ञान [  ] सामान्यतः वर्तमान युग को वैज्ञानिक युग माना जाता है। परंतु तकनीकी का विकास भारत के संदर्भ में बहुत पहले हो चुका है। जैसे समय का अनुमापन करना वार्षिक कैलेंडर का निर्माण यह सब नक्षत्र विज्ञान

जनसंख्या नियंत्रण ही नहीं जनसंख्या प्रबंधन की अवधारणा को अपनाना होगा

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            मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत की जनसंख्या 139 करोड़ होकर विश्व की जनसंख्या 17.58% पर आ चुकी है और यह वह समय है जब हम किन से मात्र कुछ लाख कम है   अर्थात जनसंख्या के मामले में अगर भारत और चीन की जनसंख्या मिला दी जाए तो विश्व की आबादी की एक दशक में 50% हिस्सेदारी आने में आसानी से पहुंच जाएगी। यह दोनों हितेश आने वाले दो-तीन दशक में अपने सारे संसाधन खो सकते हैं ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।           विश्व के कुछ प्रमुख राष्ट्रों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका जनसंख्या विश्व की जनसंख्या में 5% यूनाइटेड किंगडम   .0 8%, जर्मनी की जनसंख्या 1.07% फ्रांस 0.85% इटली 0.78% है। यह सारे देश लगभग भारत और चीन से अधिक जन सुविधा संपन्न देश हैं। यहां उन देशों का विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया है जो खाड़ी के देश है वे आर्थिक रूप से बेहद समृद्ध होने के साथ-साथ जन सुविधा संपन्न है।           भारत ने जनसंख्या को   जनशक्ति के रूप में स्वीकारा है। अतः भारत को भविष्य के 50 वर्षों की कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। विभिन्न रिपोर्ट के आधार पर हम कह सकते हैं कि भा

वामन मेश्राम का भ्रम जाल : राहुल सांकृत्यायन का कमाल...!

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     शुंग वंश का शासक पुष्यमित्र शुंग               185 ईसा पूर्व मौर्य वंश के    ब्राह्मण सम्राट पुष्यमित्र शुंग महानायक थे न कि खलनायक                                     गिरीश बिल्लोरे “मुकुल”               185 ईसा पूर्व मौर्य वंश के शासक ब्रहदत्त की प्रशासनिक और कमजोर व्यवस्था बुद्धिस्ट निवृत्ति मार्ग के प्रति अतिशय मोह के कारण तथा ग्रीक राजा डेमोट्रीयस  के षड्यंत्र को ना रोकने की इच्छा के कारण सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा ब्रहदत्त की सरेआम हत्या की ना कि धोखे से मारा यह तथ्य डॉक्टर एच सी रायचौधरी ने शुंग डायनेस्टी पर स्पष्ट तौर पर विवरण लिखा है। राहुल सांस्कृत्यायन ने  कल्पना की कि हो सकता है पुष्यमित्र शुंग ही राम के तुल्य माना जाता  हो .   इससे एक विद्वान बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने तुरंत अपनी अभिव्यक्ति में पुष्यमित्र शुंग को अयोध्या का राजा बता दिया। और उन्होंने इसे गलत तरीके से जनता के बीच में प्रस्तुत किया। 5 मार्च 2019 को यूट्यूब पर अपलोड वीडियो में यह तथ्य स्पष्ट होता है बिना अध्ययन के वामन मेश्राम जी गलत तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं। पुष्यमित्र शुं

Understanding Swami Vivekananda

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दुनिया में जो भी कुछ घटता है वह सब उन महापुरुषों के संदेशों से व्यवस्थित हो सकता है जो का यही संदेश है। स्वामी विवेकानंद को याद करना आज..      अभी लेकिन उनकी स्मृतियां इतनी मीठी कि किसी को बांटने में मुझे उस बच्चे की तरह असहजता हो रही थी जैसे किसी बच्चे को अपनी सबसे प्रिय वस्तु बांटने के लिए कहा जाए। परंतु" हर दिन नया दिन है हर रात नई रात..!"- का अनुसरण करते हुए लगा कि कुछ लिख दिया जाए कुछ बांट दिया जाए। आज मैं बच्चों से बात करना चाहता हूं बच्चों से बात करने का उद्देश्य यह है कि वह जाने भारत विश्व में इतना चर्चित राष्ट्र क्यों है। बच्चों भारतीय दर्शन एक ऐसा जीवन प्रदर्शन है.. जिसे विश्व के दर्शन यानी फिलासफी की नीव कहा जा सकता है। मैंने बचपन में एक कवि की कविता सुनी थी जिसने उन्होंने कहा था कि- आज दुनिया में जो भी कुछ है इसकी फाउंडेशन में भारतीय फिलासफी है।     विवेकानंद जी के बारे में आप कितना जानते हैं मुझे नहीं मालूम। स्वामी विवेकानंद जी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुए जब उन्होंने शिकागो में अपना भाषण दिया। उन्होंने भारतीय सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणी अपने भाषण में बहुत