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शनिवार, जुलाई 03, 2021

The Virgin River Narmada


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*Scientific and Geological facts about Narmada*
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*Narmada is the virgin river because she never cross her limit and limitations. According to pauranik text and description Narmada was only the river we called brahmacharini*

नर्मदा अति प्राचीन नदी है इसका निर्माण हिमालय के निर्माण से भी पहले हुआ है। आप सभी जानते हैं कि लगभग 4.50 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी नामक ग्रह का निर्माण हुआ वास्तव में सूर्य की हलचल से निकला हुआ आग का लावा जिसमें गैस और तरल खनिज मौजूद थे साथ ही अंतरिक्ष में गतिमान भौतिक वस्तुएं पृथ्वी के कक्ष में स्थापित हो गई। और पृथ्वी अपनी कक्षा में गर्म लावा बॉल की तरह है अपनी अक्ष पर घूमने वाली गति के कारण गुरुत्वाकर्षण बल पैदा करती है। यह प्रक्रिया लगभग 10000000 साल तक चलती है। पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होती है किंतु अचानक एक पिंड पृथ्वी से टकरा जाता है जिससे चंद्रमा का उदय भी होता है। पृथ्वी के अंदर का लावा उसके टकराने से बहुत ऊंचाई तक जाता है और एक निश्चित दूरी पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में बंध जाता है। जो पिंड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में अथवा किसी भी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण में बंध जाए तो वह अपनी कक्षा स्थापित कर लेता है। तथा उसके चक्कर लगाने लगता है।
  सुधि जनो इस घटना के लाखों साल बाद पृथ्वी की ऊपरी परत यानी प्लेट्स में परिवर्तन होता है। और यह प्लेट एक दूसरे से टकराती है जब भारत के दक्षिणी हिस्से में यह टकराव होता है तो हिमालय का निर्माण होता है साथ ही साथ निचले भाग में सिलवट पड़ती है ऐसी ही सिलवट नर्मदा और ताप्ती सहित दक्षिण भारत की के निर्माण का कारण बनी है। नर्मदा के संदर्भ में कहा जाए तो अमरकंटक से खंभात की खाड़ी तक जो सलवट बनी नर्मदा है नर्मदा की विशेषता यह है कि नर्मदा अपनी सीमाएं नहीं तोड़ती। जो अपनी सीमा नहीं छोड़ता वह ब्रम्हचर्य का पालन करता है वैज्ञानिक कारण यही है उसे चिर कुमारी मानने का । 
*गिरीश बिल्लोरे मुकुल*

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