29.1.21
28.1.21
ओह तो मेघा पाटकर भी भटके हुए लोगों के आंदोलन की हिस्सा हैं ?
लाल किले कांड पर के संदर्भ में लोगों का यह मानना है कि यह आंदोलन भटक गया है वास्तविकता तो यह है कि यह भटके हुए लोगों का आंदोलन है जो भारत को विश्व में बदनाम करने की साजिश थी।
अपने हाथों में फैक्चर का दर्द भोगने वाली एस एच ओ बलजीत सिंह ने बताया कि-" असलहे लेकर आए थे और हमने धीरज नहीं खोया।'
कमर में गंभीर फैक्चर होने के बावजूद घायल जोगिंदर सिंह सहायक इंस्पेक्टर पुलिस ने पंजाब भारतीयता और देश प्रेम का संदेश दिया .
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि- "लगभग 394 पुलिसकर्मी विभिन्न अस्पतालों में इलाज कर रहे हैं 19 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं 50 आरोपियों को हिरासत में रखा है किसान निर्धारित समय और निर्धारित रूट से बाहर जाकर ट्रैक्टर रैली प्रारंभ कर दी।"
इस सूचना के साथ कि भानु सिंह एवं वीएम सिंह के गुट ने आंदोलन से स्वयं को अलग कर लिया है।
वी एम सिंह के नेतृत्व में एवं श्री भानु जी जो चिल्ला बॉर्डर पर मौजूद आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे। यह दोनों नेता भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान से शुद्ध थे और इन्होंने 27 जनवरी 2021 की शाम होते-होते आंदोलन से ही अपने आप को अलग कर लिया .
आप जो शेष बचे हैं उनमें राकेश टिकैत योगेंद्र यादव मेघा पाटकर जैसी वामपंथी विचारकों के हाथ में किसान आंदोलन की बागडोर है जो वास्तविक रूप में शुरू से ही थी।
इस बीच मृत युवक की पहचान ऑस्ट्रेलिया निवासी युवक के रूप में की गई है। जो विगत कुछ माह पूर्व भारत आया था और आंदोलन में किसान के रूप में शामिल हुआ। इस युवा की मृत्यु ट्रैक्टर के पलटने से हुई है।
राकेश टिकट मेघा पाटकर और योगेंद्र यादव की परिकल्पना को आकार देने वाला दीप सिंधु का सीधा रिलेशन वर्तमान में धर्मेंद्र देओल सनी देओल परिवार से नहीं है इसकी पुष्टि स्वयं सनी देओल ने 6 दिसंबर 2020 में ट्वीट करके कर दी थी ।
मित्रों अगर कभी पंथ या धर्म के ध्वज की बात होगी तो उसे किसी भी स्थिति में तिरंगे से ऊपर या उसके समानांतर इस भावना से नहीं ठहराया जा सकता जिससे भारतीय एकात्मता को चोट पहुंचे।
मित्रों 26 जनवरी 2021 के दिन रिकॉर्ड वीडियो भविष्य के लिए साक्ष्य बनेंगे ।
आरएसएस के विरुद्ध बोलने वाले कर्नल दानवीर सिंह चौहान ने तक अपने वक्तव्य में माना एवम कहा है कि - "पंजाब में खालिस्तान आंदोलन का कोई विचार वर्तमान समय में जीवित नहीं है। कर्नल दानवीर से चौहान खालिस्तान आंदोलन के विदेशी कनेक्शनस् अवश्य है। आम भारतीय कर्नल दानवीर सिंह चौहान के वक्तव्य से आंशिक सहमति रख सकता है और रखता भी है । यदि यह सही है तो सिखों को भी इस तथ्य को समझ लेना चाहिए । अर्थात अब वो समय है कि सिख समाज के नेता इसकी खुल के निंदा करें । साथ ही साथ मुखर होकर इस घटना को राष्ट्र विरोधी घटना मानते हुए राष्ट्र विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग मुखर होकर ही करें । कर्नल दानवीर इस आंदोलन को शुद्ध रूप से किसान आंदोलन नहीं मानते हैं।
26.1.21
आंदोलन से पल्ला कैसे झाड़ सकते हो माफी मांगो यादव जी टिकैत जी कक्का जी मुला जी
मीलार्ड भी सहमत ही होंगे जब हम सब सहमत हैं कि सब को हक है अपने राष्ट्रीय पर्वों को मनाने का। परंतु आज जिस तरह से निहंग तलवारें और फिर से चमकाते हुए लाल किले पर चढ़ गए उससे यह साबित हो गया कि यह आंदोलन मौलिक रूप से किस बुनियाद पर शुरू किया गया था । सूचनाओं के अनुसार दिल्ली में 86 पुलिसकर्मी के साथ 120 से अधिक लोग घायल हैं। किसान आंदोलन के 62 वें दिन आंदोलन के गंदे स्वरूप को देखकर लगा कि यह आंदोलन कनाडा एवं पाकिस्तानी के साथ आतंकियों की संधि का परिणाम है। भारत सरकार के वकील साहब यह स्थिति एक्सप्लेन करते रहे परंतु मीलार्ड को अधिक भरोसा था झूठा प्रॉमिस करने वाले आंदोलनकारियों के वकीलों पर। इसकी वजह है कि मिलावट यह समझ रहे होंगे कि जो किसान भारत के अन्नदाता है वह इस तरह का व्यवहार तो नहीं करेंगे। टेलीविजन पर दिखाया गया कि महिला पुलिस वीडियो जर्नलिस्ट प्रेस रिपोर्टर पर हमलावर होते किसान अन्नदाता तो नहीं क्योंकि एक पुलिसकर्मी को घेर कर मारने वाले किसान आतंक की नए तरीके से परिभाषा प्रस्तुत कर रहे हैं। यह तरीका साफ तौर पर आयातित विचारधाराओं अर्बन नक्सली सोच का सुझाया हुआ ही है।
आईटीओ पुलिस को ट्रैक्टर घुमाकर आतंकित करने वाला किसान जय जवान जय किसान के नारे की धज्जियां उड़ाता नजर आया शास्त्री जी हम भी शर्मिंदा हैं।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि इस आंदोलन में वित्तीय व्यवस्थापन से लेकर स्ट्रैटेजिक प्लानिंग भी हर हालत में
पाकिस्तान कनाडा चीन और भारत में पल रहे नक्सलवादी स्लीपर सेल की उपज है।
मजबूरी में मुझे स्वराज इंडिया के संयोजक का नाम यहां जिक्र करना पड़ रहा है जो किसान आंदोलन से पल्ला झाड़ रहे हैं वास्तव में मुख्य कल्पित यही व्यक्ति है जिसे देश योगेंद्र यादव के नाम से जानता है। दीप संधू जिसे आंदोलन से अलग रखने का खुलासा करने वाला यह व्यक्ति सर से पांव तक झूठ बोल रहा है क्योंकि लगातार दो महीनों से संधू अत्यधिक सक्रिय है और उससे लगातार इस आंदोलन को हर एंगल से सहायता प्राप्त हो रही है। सनी देओल के साथ कभी जुड़ा यह व्यक्ति अर्थात दीप संधू वास्तव में अवसरवादी एवं भारत विरोधी गतिविधि में सक्रिय लोगों के हथियार चलाने का एक कंधा है
24.1.21
नेता जी क्यों महान हैं..?
20.1.21
कश्मीर 19 जनवरी 1990
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है , 14वी शताब्दी से लगातार इस कश्मीर एक आतंक के साए जीने के लिए मजबूर था ।
19.1.21
कोविड का टीका : वाक़ई है तीखा
बाबा की सबसे गंदी आदत है कि इस उसकी भैंस बांध के ले आते हैं। जब भैंस से नहीं मिलती तो बकरियां बांध लेते हैं जिसको बुंदेलखंड में छिरियाँ बांध लेते हैं।
यह सोचकर हम एक बार बाबा की बाखर का वीडियो मंगाए। वीडियो में आंख घुसा घुसा के देखें तब भी हमको भैंसिया नजर नहीं आई। अपने भाइयों की बकरियां तलाशनी चाही बाबा वह भी हम को नजर नहीं आई। हमने दुर्गेश भैया से पूछा भाई वह तो कुछ नहीं है फिर आप चिल्ल-पौं काय मचाते रए हो । दुर्जन भैया हमसे गुस्सा हो गए हमको उनने फेसबुक पर ब्लॉक करने की भयंकर अपमानजनक धमकी दे डाली।
आज के दौर में अगर आपको कोई ब्लॉक कर दे उससे बड़ा अपमान विश्व में कोई हो सकता है क्या ?
सोशल मीडिया से पता चलता है कि आपका स्टेटस क्या हुआ अरे आप का डाला हुआ स्टेटस नहीं आपका समाज में स्तर क्या है ? जे बोल रहा हूं । आप समझ रहे हो ना ?
व्हाट्सएप पर ब्लॉक करना या ग्रुप से निष्कासित कर देना दूसरा बड़ा डिफॉर्मेशन है।
मार्क जुकरबर्ग तुम आओ भारत हमारे मोहल्ले में आए तो समझ लेना हम तुम्हारी ऐसी भद्रा उतारेंगे कि तुम्हें ऐसे डिफॉर्मेशन करने के बारे में सौ बार सोचना पड़ेगा ।
दुर्जन भाई को हमसे खुन्नस इस वजह से हुई कि वे कह रहे थे कि- ये टीका बाबा का है । हम नई लगवाएंगे ।
हम बोले :- भाई जी हम चाहते हैं कि आप लगवालो मर मुरा गए तो इस बाबा की 56 इंच की छाती पर मूंग कौन दलेगा ..? मूंग न दलोगे तो लड्डू कैसे बनेंगे । लड्डू न बने तो आप खाएंगे क्या ? बाबा के चक्कर में परेशान मत हो वैसे वो न तो खाएगा न खाने देगा !
अब बताओ भैया हम क्या गलत बोले ?
लगे हाथ हमने पूछा - आपकी भी भैंस बाबा बांध लिए का..?
दुर्जन ने हमें भक्त बोल दिया । बस फिर क्या था जब भी वो लिखते हम हुक्का पानी लेकर चढ़ बैठते । 4-5 टिप्पणियों में उनकी टैं निकल गई । सो
भाइयो बहनों पहले सुन लो जिनकी भी भैंस और बकरियां बाबा बांध के लिए गया है वह सब कान खोल कर सुन ले अगले बार आप जो भी जानवर खरीदें उसका इंश्योरेंस कराने की कोशिश जरूर करें। और अगर कोई भी इंश्योरेंस कंपनी इनका बीमा न कर सके तो तुम सब मिलजुल के कैटल इंश्योरेंस कारपोरेशन बाबा के स्टार्टअप कार्यक्रम के अंतर्गत कर सकते हो । करो ना करो लेकिन भैंसों को बकरियों को संभाल के बांधो। दुर्जन भैया आप तो खासतौर पर खुलकर सुनो आपके जानवर आपसे ज्यादा ढीठ और बेलगाम हैं ।
पड़ोसी देश में इमरान नाम के राजा राज करते हैं। वह इतने मासूम है क्या उनकी मासूमियत उनके अब्बा जान क़मर बाजवा के अलावा कोई भी नहीं जानता। अब्बू ने साफ-साफ कह दिया कि कोई फिजूलखर्ची नहीं करेगा तो हुजूर मलेशिया का लीज रेंट मलेशिया को नहीं दिया।
बस फिर क्या था... मलेशिया वालों ने इम्मू का तैयारा यानी भारत के बच्चे जिसे हिवाई ज़िहाज़ कहते हैं से सारे पैसेंजर उतरवाए और जब्ती बना डाली अरे भई पैसेंजर की नहीं हिवाई ज़िहाज़ की।
अब बताओ मुन्ना अब्बू ने जब इमरान बाबू को खर्चे वाली ज़रूरी मदों की जो लिस्ट दी थी उसमें जहाज शामिल नहीं था सबसे टॉप पर लिखावाया था जहाज़..! टायपिंग मिस्टेक से वो जिहाद हो गया ।
आपई बताओ जिहाद वाले मद से निकालकर खर्चा जहाज पर कैसे किया जा सकता ?
उधर बड़े अब्बू यानी शेख साहब लोग कटोरे में इतना भी नहीं डाल रहे किचन में तनाव आ जाए ।
कल इमरान साहब गा रहे थे
अब तो उतनी जी नहीं मिलती मयखाने में ।
जितनी हम छोड़के आते थे पैमाने में ।।
अब्बू और इमरान के एक क़रीबी चाहने वाले कई दुर्जन सिंह इनको लेकर खासे चिंतित हैं..और सारा गुस्सा बाबा पर निकाल रहे हैं । बाबा को पता नहीं क्या क्या कहने लगे और इसी बात पर जब हमने पूछा- दुर्जन चाचा आप बेवजह क्यों तनाव में रहते हैं पड़ोसी मुल्क है रिश्ते खराब चल रहे हैं, चार बरतन होंगे तो आवाज तो आएगी ही आप काहे लोड ले रहे हो ?
बस इत्ती सी बात थी कि उनने हमें फेसबुक से हटा देने धमकी दे डाली। वास्तविकता यह है कि दुर्जन शुरू से कार्ल मार्क्स को अपने सिरहाने रख के सोया करते थे । तब तक तो ठीक था परंतु जैसे-जैसे स्टालिन और माओ ने मिलकर लाल रंग दुर्जन सिंह को टोटका करके शर्बत पिलाया दुर्जन जी को बाबा के लोग कचरा कूड़ा नजर आते हैं। वॉल्टर ने कुछ भी कहा कि भइये सबकी बातों का मान करो पर उस बात की अनदेखी कर मेरी मुर्गी का शुरुआ (शोरबा) सबसे उम्दा कह कह कह कर जनता में फेसबुक के ज़रिए मजमा लगा रहे हैं।
इमरान चाइना के रिश्ते से उनका सगा भतीजा है और इसी नाते दुर्जन सिंह नाराज हैं बाबा से ।
और इधर बाबा ने कोविड-19 के वैक्सिन की प्रदर्शनी लगा दी बाबा के सीने पर पता नहीं कौन-कौन लोटने लगे ? लोटने दो जो जो भी लोटे अपन तो चुपचाप हैं । पर एक बात अभी-अभी समझ में आती है यह जो कोविड-19 का है ना..! लगता तो बाजू में है पर जब बाएं बाजू में लगता है तो
ज़्यादा ही चुभता है । कुछ लोग बता रहे थे तीखा भी है। बाबा से दुर्जन भैया टाईप के और उनके मित्रों की नाराजगी गलत नहीं है। हम सब दुर्जन जी के साथ हैं ।
टीका लगवाएं तो ठीक न लगवाएं तो ठीक । अगर कुछ हो हुआ गया तो अपन बिदा करने जाएंगे ज़रूर ।
16.1.21
एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार क्या सचमुच हुई फिशिंग का शिकार ?
मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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