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पीटर ज़िंदगी के आखिरी सवालों को हल करने लगा. मरने से पहले मित्र जान को बुला सम्पदा की वसीयत लिखवा ली पीटर ने. और फ़िर अखबारों के ज़रिये हेनरी को एक खत लिखा.
प्रिय हेनरी
अब तुम वापस आ जाओ, तुम्हारा निर्वासन समाप्त करता हूं. मेरे अंतिम समय में तुम्हारी ज़रूरत है मुझे .
तुम्हारा पिता
पीटर
हेनरी निर्वासन के दौरान काफ़ी बदल चुका था. दिन भर चर्च के बाहर लोंगों की मदद करना, अंधे-अपहिजों को सड़क पार कराना उसका धंधा अपना लिया था. खबर पढ़ के भी हैनरी वापस तुरंत वापस न गया. जाता भी कैसे उसे जान के बूड़े बाप की मसाज़ करनी थी, सूज़न के बच्चे को हास्पिटल ले जाना था. कुल मिला के अपनी आत्मा को शांत करना और पापों को धोना था. सारे काम निपटा कर जब वो प्रेयर कर रहा था तब उसे दिखाई दिया ईशू की जगह क्रास पर पिता पीटर हैं... और बस प्रभू का संदेश स्पष्ट होते ही तेज़ क़दमों से हेनरी रेल्वे स्टेशन की तरफ़ भागा. पता नहीं दस मिनट में तीन किलोमीटर का रास्ता किस ताक़त ने तय किया खुद हतप्रभ था. पिता को क्रास पर देख कितना डरा था उसका आभास बस उसे ही था. देर रात कड़ाके की ठण्ड भोगता अल्ल सुबह ट्रेन में बैठ रवाना हो गया. दोपहर पिता के पास पहुंचा तो देखा कि पिता अब आखिरी सांसें गिन रहे हैं पिता पीटर अपलक उसे निहारते और यक़ायक चीखे ..."हेनरी.........!" इस चीख के साथ पिता के प्राणांत हो चुके थे.
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स्टीफ़न ने अपनी बीवी से कहा:-"पिता का मुझसे कोई लगाव न था रोज़ी पता नहीं क्यों वे मुझसे हमेशा अपमानित करते थे मुझे नहीं लगता कि मुझे मेरा मिलेनियर बाप कुछ दे जायेगा "
सारे कयास बेरिस्टर जान के आते ही खत्म हो गये वसीयत खोली गई , किसी को फ़ार्म हाउस, किसी को फ़ेक्ट्री, किसी को सोना बेटियों को बेंक में जमा रकम बराबर बराबर मिली आखिरी में लिखा था मैं अपनी सबसे प्यारी ज़मीन जो दस हेक्टर है हेनरी के नाम करता हूं. हेनरी ने खुशी खुशी उसे स्वीकारा. जान ने पूछा:-हेनरी , उस ज़मीन पर तो सांपों की बांबियां है..?
स्टीफ़न:- "भाई मुझे बहुत दु:ख है पिता ने न्याय नहीं किया !"
बैंजामिन:- ”हेनरी, तुम चाहो तो मेरे साथ रह सकते हो ...?”
सारा:-"घोर अन्याय मैं तुम्हारी मदद करूं क्या...!"
हैनरी ने कहा:- "पिता कभी ग़लत नही करते जो किया वो सही किया मैं खुश हूं तुम सब चिंता मत करो बस चिंतन करो मिलते रहना दु:ख दर्द आये तो एक दूसरे की मदद करना मैं एक बरस बाद वापस आऊंगा
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पोस्ट एक कथानक मात्र है इसका नाट्य-रूपांतरण शीघ्र प्रकाशित करूंगा जो विक्रय हेतु होगा उपयोगकर्ता से प्राप्त राशी का प्रयोग एक नेत्र-हीन बालक मंगल के भविष्य के लिये किया जावेगा शायद सफ़ल हो सकूं इस संकल्प में
छवियां:- गूगल से साभार
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