नवाचार के ज़रिये छोटे छोटे प्रयोग करना बेहद असरदार होता है. जबलपुर बालभवन में ऐसा ही एक छोटा प्रयोग किया जो बड़ा असरदार साबित हुआ . यह प्रयोग न केवल शिक्षाप्रद रहा वरन इससे जनजन जो सन्देश विस्तारित हुआ वह भी समुदाय के लिए चिंतन का विषय बन गया बालभवन जबलपुर के संचालक रूप में लगभग एक माह पूर्व विचार किया कि क्यों न हम बालभवन में राखी पर्व में एक नवाचार करें जिससे समाज को नया सन्देश मिले तभी उन पौधों का स्मरण हुआ जो हमने 5 जुलाई 2017 को लगाए थे बस फिर क्या था हमने बच्चों और उनके शिक्षकों से परामर्श कर तय किया कि इस बार हम पेड़ पौधों को राखी बांधेंगे.
जी हाँ वे पौधे जिनको बच्चों ने नाम भी दिए हैं .. झमरू, हिन्दुस्तान , आदि आदि . पेड़ पौधों के लिए राखी बनाने का काम कराया रेशम ठाकुर ने जो इन दिनों बालभवन में बच्चों की कला शिक्षक हैं.
नन्हें पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार बेहद उत्साह के साथ मनाया गया . महिला बाल विकास विभाग के महिला सशक्तिकरण संचालनालय द्वारा संचालित संभागीय बालभवन के बच्चों ने वृक्षों एवं पेड़-पौधों के साथ जीवन के अंतर्संबंधों को रेखांकित करने वाले कार्यक्रम की आवश्यकता पर को स्पष्ट करते हुए संचालक बालभवन गिरीष बिल्लोरे ने बताया – *“किसी भी संदेश को कैसे समाज के लिए असरदार हो सकते हैं पेड़ पौधों को राखी बांधने के इस प्रयोग से स्पष्ट हो जाता है !*
अध्यक्षता करते हुए श्रीमती मनीषा लुम्बा उपसंचालक महिलासशक्तिकरण ने आयोजन के उद्देश्य की प्रसंशा करते हुए कहा कि – “समाज को यह सन्देश देना बेहद जरूरी है कि पेड़ पौधे हमारे रक्षक हैं तथा वे किसी न किसी रूप में हमें सहायता ही नहीं देते बल्कि उनसे हमारा जीता जगता सम्बन्ध है तथा वे हमारे रक्षक भी हैं”
मुक्ति फाउनडेशन के डा विवेक जैन ने कार्यक्रम को सबसे प्रभावकारी एवं समाज को सन्देश देने वाला कार्यक्रम निरूपित किया. कार्यक्रम में श्रीमती हर्षिता , श्रीमति अजय जैन, श्री पुनीत मारवाह, श्री एस ए सिद्दीकी, श्री रमाकांत गौतम, श्री संजय गर्ग बतौर अतिथि उपस्थित रहे.
पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रयुक्त राखियों का निर्माण सुश्री रेशम ठाकुर के निर्देशन में बालभवन के बच्चों अनमोल विश्वकर्मा राखी विश्वकर्मा, रूद्र गुप्ता, अंजली, हिमान्शु रजक हर्षिता रजक ने किया .
पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन के साथ साथ डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में बाल कलाकारों क्रमश: वैशाली बरसैंया, उन्नति तिवारी, आयुष राजक, इशिता तिवारी सोनम गुप्ता, सजल ताम्रकार, आकर्ष जैन, हर्ष सौंधिया, अमन बेन, राज गुप्ता ने कजरी-गीत गाकर माहौल को बेहद प्रभावी बनाया.
कार्यक्रम का संचालन बाल-अभिनेत्री कुमारी श्रेया खंडेलवाल ने किया. आयोजन में नृत्यगुरु श्री इंद्र पांडे, श्री देवेन्द्र यादव, श्रीमती मीना सोनी श्री सोमनाथ सोनी , राजेन्द्र श्रीवास्तव, श्री टी आर डेहरिया, श्री धर्मेन्द्र श्रीमती सीता देवी ठाकुर मनीषा तिवारी मुस्कान सोनी का अविस्मरणीय सहयोग रहा.
अध्यक्षता करते हुए श्रीमती मनीषा लुम्बा उपसंचालक महिलासशक्तिकरण ने आयोजन के उद्देश्य की प्रसंशा करते हुए कहा कि – “समाज को यह सन्देश देना बेहद जरूरी है कि पेड़ पौधे हमारे रक्षक हैं तथा वे किसी न किसी रूप में हमें सहायता ही नहीं देते बल्कि उनसे हमारा जीता जगता सम्बन्ध है तथा वे हमारे रक्षक भी हैं”
मुक्ति फाउनडेशन के डा विवेक जैन ने कार्यक्रम को सबसे प्रभावकारी एवं समाज को सन्देश देने वाला कार्यक्रम निरूपित किया. कार्यक्रम में श्रीमती हर्षिता , श्रीमति अजय जैन, श्री पुनीत मारवाह, श्री एस ए सिद्दीकी, श्री रमाकांत गौतम, श्री संजय गर्ग बतौर अतिथि उपस्थित रहे.
पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन कार्यक्रम में प्रयुक्त राखियों का निर्माण सुश्री रेशम ठाकुर के निर्देशन में बालभवन के बच्चों अनमोल विश्वकर्मा राखी विश्वकर्मा, रूद्र गुप्ता, अंजली, हिमान्शु रजक हर्षिता रजक ने किया .
पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन के साथ साथ डाक्टर शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में बाल कलाकारों क्रमश: वैशाली बरसैंया, उन्नति तिवारी, आयुष राजक, इशिता तिवारी सोनम गुप्ता, सजल ताम्रकार, आकर्ष जैन, हर्ष सौंधिया, अमन बेन, राज गुप्ता ने कजरी-गीत गाकर माहौल को बेहद प्रभावी बनाया.
कार्यक्रम का संचालन बाल-अभिनेत्री कुमारी श्रेया खंडेलवाल ने किया. आयोजन में नृत्यगुरु श्री इंद्र पांडे, श्री देवेन्द्र यादव, श्रीमती मीना सोनी श्री सोमनाथ सोनी , राजेन्द्र श्रीवास्तव, श्री टी आर डेहरिया, श्री धर्मेन्द्र श्रीमती सीता देवी ठाकुर मनीषा तिवारी मुस्कान सोनी का अविस्मरणीय सहयोग रहा.
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संभागीय बालभवन में “पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ” का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. प्रत्येक पौधे की देखभाल 5-5 बच्चों के समूह द्वारा की जा रही है. वे प्रतिदिन अपने अपने पेड़ों की देखभाल स्वयमेव करतें हैं. इतना ही नहीं बच्चों ने पेड़ों के झमरू, छोटू , सरगम, हिन्दुस्तान, भारत, गजानन, घुँघरू, कीवी, चेरी, शिखा, नटवर, पप्पू आदि नाम तक रखें है .
बाल-भवन के खेल अनुदेशक एवं वृक्षारोपण प्रभारी श्री देवेन्द्र यादव के अनुसार "पौधे लगाना ठीक है पर उनको सम्हालना कठिन काम है बच्चे अपनी बाटल से पेड़ों में पानी देते हैं उनसे बात करते हैं तथा उनके लिए बच्चों थरे (सर्किल) भी बनाएं गएँ हैं पेड़ों की देखभाल से 15 बाल समूह जुड़े हुए हैं .
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