हम कह दें वो अफ़साने और तुम कहदो तो सच्चाई
बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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जैसा देखा इंसा सनमुख वैसी बात कहा करते हो
लगता है गिरगिट को घर में मीत सदा रक्खा करते हो
बात मेरी बिखरे आखर हैं और तुम्हारी रूबाई है...!!
बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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मन चाहा लिक्खा करते हो मनमाना नित बोल रहे हो
चिंतन हीन मलिन चेहरे को लेके इत उत डोल रहे हो
कुछ तो है दुनिया में अच्छा..क्या हर तरफ़ बुराई है ?
बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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जैसा देखा इंसा सनमुख वैसी बात कहा करते हो
लगता है गिरगिट को घर में मीत सदा रक्खा करते हो
बात मेरी बिखरे आखर हैं और तुम्हारी रूबाई है...!!
बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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मन चाहा लिक्खा करते हो मनमाना नित बोल रहे हो
चिंतन हीन मलिन चेहरे को लेके इत उत डोल रहे हो
कुछ तो है दुनिया में अच्छा..क्या हर तरफ़ बुराई है ?
बोल बोल के झूठ इस तरह शोहरत तुमने पाई है ...!!
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