10.10.10

कौन है जो

साभार :गूगल बाबा के ज़रिये 
कौन है जो
आईने को आंखें तरेर रहा है
कौन है जो सब के सामने खुद को बिखेर रहा है
जो भी है एक आधा अधूरा आदमी ही तो
जिसने आज़ तक अपने सिवा किसी दो देखा नहीं
देखता भी कैसे ज्ञान के चक्षु अभी भी नहीं खुले उसके
बचपन में कुत्ते के बच्चों को देखा था उनकी ऑंखें तो खुल जातीं थी
एक-दो दिनों में
पर...................?

3 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

कौन है जो
आईने को आंखें तरेर रहा है
कौन है जो सब के सामने खुद को बिखेर रहा है
जो भी है एक आधा अधूरा आदमी ही तो

अरे वोई जो आईने को ततेर रहा है और खुद को बिखेर रहा है.....

बहुत खूब गिरीश जी ...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

आज़ आपको बावरे फ़क़ीरा पर सहयोग के लिये आमंत्रित किया है भैया

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर..... यह बिखराव समझना भी जीवन के लिए ज़रूरी है....

Wow.....New

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