2.9.10

कर्म योगी के बगैर भारत...! सम्भव न होता


कृष्ण के रूप में आज जिसे याद किया वो बेशक एक अदभुत व्यक्तित्व ही रहा होगा युगों युग से जिसे भुलाये न भुला पाना सम्भव हो सच जी हां यही सत्य है जो ब्रह्म है अविनाशी है अद्वैत है चिरंतन है . सदानन्द है.. वो जो सर्व श्रेष्ठ है जिसने दिशा बदल दी एक युग की उसे शत शत नमन





वो जो सब में है वो जिसमें सब हैं यानि एक ”सम्पूर्णता की परिभाषा” वो जिसे आसानी से परिभाषित कैसे करें  हमारे पास न तो शब्द हैं न संयोजना सच उस परम सत्य को हम आज ही नहीं सदा से कन्हैया कह के बुलाते हैं . सन्त-साधु, योगी,भोगी, ग्रहस्थ, सभी उसके सहारे होते हैं , सच उस परम तत्व को शत शत नमन
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स्वर: रचना, प्रस्तुति :अर्चना, आलेख: मुकुल
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6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

नही जानती वो कौन है? वो है भी या नही?
फिर भी उसे बहुत प्यार करती हूं,उसकी एक बात याद रही जैसे कर्म करोगे वैसा फल दूँगा.अरे! यानी निम्बोली पाऊं या आम बहुत हद तक मेरे हाथ मे हैं? दुखों से बहुत डरती हूं इसलिए कोशिश की कि निम्बोली और कांटे कम मिले.
और ......जीना सीख गई. प्यार दिया,सम्मान दिया बदले मे खूब पाया.'उसकी'इतनी सी सीख पल्ले बांधी और जीने का मजा आ गया.फिर किसी पूजा अर्चना की जरूरत महसूस नही हुई.
नमन ??? उसे???
गले लगाउंगी खूब रोउंगी और रुलाउंगी. वो भी जानता है ये सब कि मै ऐसा कर सकती ही नही करूंगी भी,क्योंकि ..
ऐसिच हूं मैं तो

राज भाटिय़ा ने कहा…

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

समयचक्र ने कहा…

जन्माष्टमी पर्व के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाये...

रानीविशाल ने कहा…

बहुत सुन्दर ....आनंद आगया !
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ ...!!

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर सार्थक पोस्ट। कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर ....आनंद आगया !
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ ...!!

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