31.8.10

आज़ मिसफ़िट बातें :- सल्लू मियां अब कहावत बदल दी जावेगी

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ऑटो एक्सपो: विवेक ओबराय ने लांच की इंपेरेटर     अपने दबंग सल्लू मियां यानी सलमान खान से विवेक ओबराय कान पकड़ के (अपने)एवम किंग खान ने हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी इस बात को पब्लिक लगभग भूल गई थी...कि समाचार चेनलस को मौका चाहिये था विवेक और शाहरुख की माफ़ीनामा वाली क्लिपिंग्स दिखाने का सो हज़ूर आज़ दबंग के प्रमोशन मीटिन्ग में पत्रकारों ने पूछ ही लिया . दबंग सल्लू मियां ने बताया कि उनने किसी को भी माफ़ नहीं किया . एक पत्रकार पूछना चाह रहा था:-भाईजान, तो उनकी माफ़ी क्या थी पर बेचारा दबंगियत से डरासहमा कुछ न पूछ सका. पूछता तो कुछ उल्टा सीधा ज़वाब मिलता . शायद ये सोच के भी न पूछा हो:-”सलमान से खुदा भी डरता है...?”  
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मिसफ़िट पर उन बुकीज़ का हार्दिक  स्वागत है जिनके द्वारा क्रिकेट का खेल एक तरह से नियंत्रित किया जाता है. पर अपने पाबला जी और ललित जी कुछ समझते ही नहीं. सही-गलत के गुणा-भाग में लगे हैं. अरे भाई आज़ समझे कि न मैं तो कब से इन दौनो साहबान को बता रहा था किरकिट का खेल बुकी भैया लोग खिलवाते हैं पर कोई माने तब न...?
अब सारे ब्लागर्स मिल के इन बुकीज़ का स्वागत करने का सबको पता चल गया न अब जनता के सर से किरकिट का भूत उतर जाएगा 
ललित भैया ने पूछा :-”दादा, फ़िर किस का भूत चढ़ेगा पब्लिक पे ”
तो भैया जी ,दीदीयां , सखियां सब कान  खोल के सुन लीजिए इब ब्लागिंग का भूत चढ़ने वाला है इसी लिये इन बुकीज़ का स्वागत करवा दीजिये हा हा ही ही हू हू 
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4 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…


हा हा हा-ही ही ही-हू हू हू-हे हे हे हे

वाह-वाह,बहुत बढिया-उम्दा पोस्ट के लिए आभार

खोली नम्बर 36......!

बेनामी ने कहा…

और झूम उठे दिल दीवाने,बेक़रार ए दिल तू गाये जा.
मेरी निदिया तोहे मिल जाए.वाह अर्चनाजी! मैं भी सुन् रही हूं.
'ए बच्चों! हंसता हुआ नुरानी चेहरा? ओह मुझे तुम कितना याद कर रहे हो! अब तो पपीहरा बोलेगा 'इंदु ! आजा अन्ताक्षरी मे शामिल हो जा.
नम्बर मत काटिए प्लीज़.कितना प्यारा गा रहे हैं 'नानी तेरी मोरनी को......... ए पूरा गाओ ये गाना.
खंडाला तो नही आ सकती पर तुम सब आजाओ.महफिल यही जमायेंगे.अरे कल हम सब यहाँ होंगे आदित्य कोलोनीमे.
ए ए ए गलत...ये गाना यूँ शुरू होता है 'अंदर से कोई बाहर ना जा सके...'चीटिंग.
मुझे हरो तो मानू.
ए मालिक तेरे बंदे हम और सही कहती हूं मेरा नाम ही है चिन् चिन् चु .
और सच कहती हूं 'वक्त करता जो वफ़ा 'हम आपके' होते.
ए गंदे बच्चो ! ऐसे ना छेड़ो मुझे 'फूलों की रानी,बहारों की मलिका ?' देखो मैं शर्मा गई.
अर्चना जी ऐसे कैसे 'लो मैं हारी' बोल देंगी.
हा हा हा
इंजॉय कर रही हूं यहीं बैठी -२ अन्ताक्षरी.
तस्वीर से निकल कर सामने आ तो जाऊंगी पर डरना मत.
क्योंकि
ऐसिच हूं मैं 'हाआआआआआ'
गाने का पूरा मुखडा गाना अगली बार. सरासर चीटिंग करके जीते हो.बट...आल इज वेल' ब्लेस.

बवाल ने कहा…

हा हा बजा फ़रमाया जी नंगों से ख़ुदा डरे

Archana Chaoji ने कहा…

धन्यवाद इन्दुजी ..........आप जैसी है वैसीच बहुत अच्छी है ....और अन्ताक्षरी में वाकई बच्चो के साथ बहुत मजा आया ...

Wow.....New

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