8.1.11
वेब बाज़ार : ट्राय किया क्या..?
आखिर वो दिन बहुत क़रीब दिखाई दे रहा है जब नेट के ज़रिये घर बैठ हम आप दुनियां भर की खरीद फ़रोक्त करेंगे. पर आज के दौर में भारत में नेट का हर स्थान पर प्रयोग, कम्पनीयों की विश्वस्नीयता, सबसे बड़ा सवाल है. फ़िर भी वो दिन दूर नहीं. परन्तु इससे पहले कि यह बाज़ार पांव पसारे सरकारी तौर पर इसे रेग्यूलेट करने की महति ज़रूरत है. वरना भारतीय उपभोक्ता यानी एक सामान्य आदमी ही इसका शिकार होगा. डोर-टू-डोर , मेन-टू-मेन,अब वेब-टू-मेन मार्केटिंग का युग आने में विलम्ब नहीं. . किन्तु आम आदमी की सुरक्षा के परिपेक्ष्य में बहुत कुछ किये बिना यह बाज़ार मुश्किल में फंस सकता है. टेलीविज़न पर दिखाए जा रहे विज्ञापनों का असर असल खरीदार से अधिक उसके आश्रितों पर होता है. जिनकी मांग पर उत्पाद मज़बूरन असली क्रेता खरीदता है. पर उसे हमेशा भय बना रहता है कि कहीं ठगा न जाऊं ? एक अच्छा सूत्र है कि अंतरजाल के ज़रिये बाज़ार विस्तार पाए. पर देखिये न अमेजान जो हमें विज्ञापित करने को दे रहा वह आम भारतीय के लिए कठिन सा है. आप दिए गए किसी भी उत्पाद पर क्लिक कीजिये आप उसे सहज न स्वीकार पायेंगे . रेल टिकट /हवाई-सेवा/होटल-बुकिंग तक सीमित
वेब बाज़ार महानरों के बाहर नहीं निकला. निकला भी तो अल्प-प्रतिशत में. यदि सरकार सायबर कानूनों को और कड़े कर दे. तथा इस और बारीकी से नज़र रखने वाली संस्था को गठित करे तो संभव है कि वेब के ज़रिये बाज़ार शीघ्र विस्तार पायेगा अधिक कारगर होगा भारतीयों के लिए . हमारे ही देश के दिमाग विदेशों में बैठ कर उनकी मार्केटिंग प्रणाली को सुदृढ़ कर रहें हैं. भारतीय बाज़ार को नई दिशा देना हर उत्पादक भी चाहता है कि किंतु भारतीय जन मानस विश्वाश किस अधार पर करे ये महत्वपूर्ण चिंतन का बिंदु है.
HYDERABAD INDIA TOURIST GUIDE & MAPSIndia: A Tourist's GuideTravel India (A Complete Guide to Tourist)
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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