राकेश खंडेलवाल जी का ये गीतआज सुनिए राकेश खंडेलवाल जी का ये गीत इसे पढिए उनके ब्लॉग --- गीत कलश
इसके पूर्व आप सुन चुके हैं इन्हीं का एक और गीत यहाँ
Ad
रविवार, अगस्त 08, 2010
शुक्रवार, अगस्त 06, 2010
प्रेयसी की पुकार :अर्चना चावजी
बारिशों के मौसम में---------------------------------सुनिए समीर जी का लिख एक गीत-----------जो शायद कोई पहचान नही पाया-------------मेरी आवाज में------------------
गुरुवार, अगस्त 05, 2010
आओ-----------------जल्दी सुनो--------------------और बताओ-----------------------मालूम हो तो--------------
आज सिर्फ़ सुनिये -----------ये कविता --------------------और सुनकर बताइये--------------किसने लिखी है --------और अगर ये भी बता पाये कि किसने गाई है ---------------------तो मुझे खुशी होगी......................................
बुधवार, अगस्त 04, 2010
विभूति नारायण जी अपनी लेखिका पत्नि के बारे में विचार कर लेते तो शायद ऐसा अश्लील शब्द मुंह से न उगल पाते
''

।”यदि विभूति नारायण जी स्वयम पानी दार इंसान हैं तो उनको स्वयम ही पद से मुक्ति ले लेनी चाहिये. साथ ही साहित्यिकारों के सूची से ऐसे व्यक्ति का नाम विलोपित करना अब हमारी ज़वाब देही है. आप सोच रहे होंगे कि इतने कठोर निर्णय कैसे लिये जा सकते हैं तो सच मानिये ठीक वैसे ही जैसे एक पागल को शाक ट्रीटमेंट देकर दुरुस्त किया जाता है. ऐसा उपचार ज़रूरी है वरना कल कोई और इतनी ज़ुर्रत कर सकेगा. वैसे एक बार विभूति नारायण जी अपनी लेखिका पत्नि (जो मेरे लिये पूज्य हैं) के बारे में विचार कर लेते तो शायद ऐसा अश्लील शब्द मुंह से न उगल पाते . उनके असभ्य बयान ने साबित कर दिया कि विभूति नारायण राय न तो साहित्यकार थे न हैं न ऐसे लोगों को साहित्यकार का दर्ज़ा दिया जाना चाहिये. आज़ मुझे इतनी पीड़ा हो रही जितनी कि द्रोपदी के चीरहरण के समय समकालीन समाज को हो रही होगी. वैसे विभूति नारायण राय के खिलाफ़ वर्धा थाने में एफ़ आई आर दर्ज़ होना एक ज़रूरी एवम उचित क़दम है . इस एफ़ आई आर के आधार पर उनको पद्च्युत किया जा सकता है.
___________________________
___________________________
शनिवार, जुलाई 31, 2010
आज हमारा जगराता है ............................
बुधवार, जुलाई 28, 2010
तलाश है---------------------- इस कविता के कवि की ..............................
आज सुनिए देवेन्द्र पाठक जी(मेरा भाई ) की आवाज में एक कविता ---जो बरसों से उनके जेहन में बसी है ---
अगर आप इसके रचयिता के बारे में जानते हो तो जरूर बताएं..........................(उनसे बिना अनुमति लिए यहाँ सुनवा रही हूँ मै -----माफ़ी चाहती हूँ.............)
अगर आप इसके रचयिता के बारे में जानते हो तो जरूर बताएं..........................(उनसे बिना अनुमति लिए यहाँ सुनवा रही हूँ मै -----माफ़ी चाहती हूँ.............)
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Ad
यह ब्लॉग खोजें
-
सांपों से बचने के लिए घर की दीवारों पर आस्तिक मुनि की दुहाई है क्यों लिखा जाता है घर की दीवारों पर....! आस्तिक मुनि वासुकी नाम के पौरा...
-
Live -|| Day-1 || नार्मदीय ब्राह्मण समागम 2025 || 11-01-2025 || इंदौर
-
एक पोस्ट केवल राम जी के ब्लॉग "चलते-चलते" से--- केवलराम की यह पोस्ट अर्चना जी ने उम्दा ब्लागपोस्ट की पाड...