जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी की कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं
[ ] नए मदरसों को अनुदान नहीं मिलेगा - परंतु पुरानी अनुदानित मदरसों को अनुदान निरंतर दिया जाता रहेगा। यह एक अच्छी पहल है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में 7000 से अधिक ऐसे मदरसे हैं जिन्हें भारत सरकार से बाकायदा उन्नयन का कार्य करने के लिए सहायता प्राप्त होती रही है और 500 से अधिक मदरसों को वर्तमान में करोड़ों रुपए की राशि अनुदान स्वरूप दी जाती है।
[ ] दूसरा निर्णय बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पुनरीक्षण प्रस्ताव। अकेले गाजियाबाद में ऐसे दो हजार से अधिक कार्ड सरेंडर करने में लोग स्वयं आगे आए। गोंडा में भी 5000 का सरेंडर किए गए। सब कुछ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत किया जा रहा है। अब आप सोचेंगे कि लोग इतनी बड़ी संख्या में बीपीएल कार्ड क्यों सरेंडर कर रहे हैं। इसकी वास्तविकता का परीक्षण करने पर पाया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत रुपए दो लाख वार्षिक आय यदि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले की है अथवा रुपए तीन लाख वार्षिक आमदनी वाले को बीपीएल की श्रेणी में नहीं माना जा सकता। दो पहिया वाहन 100 वर्ग मीटर का प्लॉट कंस्ट्रक्टेड एरिया एसी अथवा कीमती मशीन रखने वालों को बीपीएल की श्रेणी में अथवा अंत्योदय की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इस अधिनियम में अन्य पैरामीटर को देखते हुए योगी कैबिनेट ने जो निर्णय लिया है उससे वास्तविक हितग्राहियों को लाभ मिलेगा किंतु ऐसे हितग्राहियों को वंचित किया जाएगा जिन्होंने ऐसे कार्ड अपने पास अब तक रखे हैं जो बीपीएल या अंत्योदय श्रेणी में आते हैं परंतु मापदंड के अनुरूप व्यक्ति अर्थात राशन कार्ड धारक अपात्र है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि-" स्वेच्छा से बीपीएल कार्ड या अंत्योदय कार्ड जमा करने वाले पात्र हितग्राहियों पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं होगी किंतु जो लोग अपात्र होने के बावजूद कार्ड अवैध रूप से लाभ लेंगे उनसे बाकायदा वसूली बाजार दर पर की जावेगी।
सरकार के उपरोक्त आदेश बकायदा गांव गांव मुनादी करा कर कार्ड वापस करने की सूचना प्राप्त होते ही आपात हितग्राहियों ने खाद्य विभाग के ऑफिस में लाइन लगाकर कार्ड सरेंडर किए। उधर सरकार ने लगभग इस श्रेणी के 160000 नए राशन कार्ड सुपात्र हितग्राहियों के लिए जारी किए हैं। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर 90% लोगों ने प्रसन्नता से अपने कार्ड जमा कर दिए। परंतु एक विशेष वर्ग के व्यक्ति ने इसका कारण यह बताया। अब तो आप कहेंगे जोगी जी वाह जोगी जी
जोगी जी की कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं
[ ] नए मदरसों को अनुदान नहीं मिलेगा - परंतु पुरानी अनुदानित मदरसों को अनुदान निरंतर दिया जाता रहेगा। यह एक अच्छी पहल है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में 7000 से अधिक ऐसे मदरसे हैं जिन्हें भारत सरकार से बाकायदा उन्नयन का कार्य करने के लिए सहायता प्राप्त होती रही है और 500 से अधिक मदरसों को वर्तमान में करोड़ों रुपए की राशि अनुदान स्वरूप दी जाती है।
[ ] दूसरा निर्णय बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पुनरीक्षण प्रस्ताव। अकेले गाजियाबाद में ऐसे दो हजार से अधिक कार्ड सरेंडर करने में लोग स्वयं आगे आए। गोंडा में भी 5000 का सरेंडर किए गए। सब कुछ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत किया जा रहा है। अब आप सोचेंगे कि लोग इतनी बड़ी संख्या में बीपीएल कार्ड क्यों सरेंडर कर रहे हैं। इसकी वास्तविकता का परीक्षण करने पर पाया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत रुपए दो लाख वार्षिक आय यदि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले की है अथवा रुपए तीन लाख वार्षिक आमदनी वाले को बीपीएल की श्रेणी में नहीं माना जा सकता। दो पहिया वाहन 100 वर्ग मीटर का प्लॉट कंस्ट्रक्टेड एरिया एसी अथवा कीमती मशीन रखने वालों को बीपीएल की श्रेणी में अथवा अंत्योदय की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इस अधिनियम में अन्य पैरामीटर को देखते हुए योगी कैबिनेट ने जो निर्णय लिया है उससे वास्तविक हितग्राहियों को लाभ मिलेगा किंतु ऐसे हितग्राहियों को वंचित किया जाएगा जिन्होंने ऐसे कार्ड अपने पास अब तक रखे हैं जो बीपीएल या अंत्योदय श्रेणी में आते हैं परंतु मापदंड के अनुरूप व्यक्ति अर्थात राशन कार्ड धारक अपात्र है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि-" स्वेच्छा से बीपीएल कार्ड या अंत्योदय कार्ड जमा करने वाले पात्र हितग्राहियों पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं होगी किंतु जो लोग अपात्र होने के बावजूद कार्ड अवैध रूप से लाभ लेंगे उनसे बाकायदा वसूली बाजार दर पर की जावेगी।
सरकार के उपरोक्त आदेश बकायदा गांव गांव मुनादी करा कर कार्ड वापस करने की सूचना प्राप्त होते ही आपात हितग्राहियों ने खाद्य विभाग के ऑफिस में लाइन लगाकर कार्ड सरेंडर किए। उधर सरकार ने लगभग इस श्रेणी के 160000 नए राशन कार्ड सुपात्र हितग्राहियों के लिए जारी किए हैं। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर 90% लोगों ने प्रसन्नता से अपने कार्ड जमा कर दिए। परंतु एक विशेष वर्ग के व्यक्ति ने इसका कारण यह बताया। अब तो आप कहेंगे जोगी जी वाह जोगी जी