कलाकार के लिए उम्र मायने नहीं रखती जबलपुर के मशहूर गायक आभास एवं संगीतकार में श्रेयस जोशी की 75 वर्षीय दादीजी श्रीमती पुष्पा जोशी इन दिनों मुम्बई में हैं । उनकी मौजूदगी का लाभ उठाया पौत्र वधू हर्षिता ने और बुजुर्गों की स्थिति पर एक भावात्मक शार्ट फिल्म बनाई । इस शार्ट फिल्म के निर्माण में हर्षिता ने घर के सदस्यों की मदद ली ।
यूट्यूब पर भावुक कर देने वाली इस फिल्म में घर के बुजुर्गों की पीडा को रेखांकित करने में सफलता पाने वाली बहू हर्षिता का कहना है - "शार्ट फिल्म जायका हमारी बुजुर्गों के प्रति सोच में बदलाव के लिए प्रेरित करेगी"
यूट्यूब फिल्म को मात्र 8 घंटे में ही 1000 से अधिक दर्शकों का देखा जाना कथानक और स्क्रीन-प्ले की सुगढ़ता का परिचायक है ..
बधाई देते हुए एक दर्शक श्री अतुल कैशरे ने कहा कि - हर्षिता जोशी द्वारा निर्देशित लघु फिल्म "जायका " यू ट्यूब पर देखी , बहुत पसंद आई । इसने मुंशी प्रेमचंद की कहानी " बूढी काकी " की याद ताजा कर् दी । यह फिल्म अत्यंत ही मार्मिक बनाई गई हैं । एक उम्रदराज महिला जो जीवन भर अपने बच्चो को लज़ीज़ व जायकेदार खाना खिलाती हैं वह बूढी होने पर किस तरह मसालेदार खाने के लिए तरसती हैं और अपने समय को याद कर् उसकी आंखें भर आती हैं । दोनों वक्त वही दलिया देख कर् उन्हें कोफ़्त होती हैं , उसका बेटा भी अपनी माँ पर ध्यान नही देता । अंततः बहू पसीज जाती हैं और अपनी सास को दिए जा रहे भोजन को स्वयं खाती हैं और अपने पति को प्रेरणा देती हैं ।
*जायका* वस्तुतः घर घर की कहानी हैं , हर घर में बढ़े बूढ़े होते हैं , जो अपने बेटे - बहू द्वारा उन्हें परोसे जा रहे बेस्वाद भोजन खाने को खाने के लिए मजबूर रहते हैं । यह फिल्म प्रेरणा देती हैं क़ि जिस माँ ने हमे जीवन भर भोजन खिलाया हो क्या हम उनके लाचार होने पर उन्हें अच्छा व उनका मनपसन्द खाना नही दे सकते ? सभी तरह के परहेज़ का पालन करते हुए भी खाने के स्वाद को बनाया रखा जा सकता हैं ।
यह फिल्म प्रेरणादायक हैं और आज के परिवारों के लिए बहुत कुछ सन्देश देती हैं ।
*जायका* वस्तुतः घर घर की कहानी हैं , हर घर में बढ़े बूढ़े होते हैं , जो अपने बेटे - बहू द्वारा उन्हें परोसे जा रहे बेस्वाद भोजन खाने को खाने के लिए मजबूर रहते हैं । यह फिल्म प्रेरणा देती हैं क़ि जिस माँ ने हमे जीवन भर भोजन खिलाया हो क्या हम उनके लाचार होने पर उन्हें अच्छा व उनका मनपसन्द खाना नही दे सकते ? सभी तरह के परहेज़ का पालन करते हुए भी खाने के स्वाद को बनाया रखा जा सकता हैं ।
यह फिल्म प्रेरणादायक हैं और आज के परिवारों के लिए बहुत कुछ सन्देश देती हैं ।
Think about old aged mother father .... Emotional short film on old aged life. one old aged mother wants to eat some jaykedar food but she can't get it due to her old age helth situation but her daughter in law positively committed for her Emotions as wel as feelings changed her husband's opinion about old aged mother-in-law...
please must watch this short film on
https://youtu.be/E4QkhaqbpY4
Short film by Harshita Shreyas Joshi
Please bless Harshita
Artist :
Son :- Ravindra Joshi
Sons wife :- Abha Joshi
Mother :- #Smt_Pusha_Joshi
Directed by :- Harshita Shreyah Joshi
Script :- #Ravindra_Joshi
Editor & Music : #Shreyas_Joshi