पाकिस्तान का बड़े से बड़ा फनकार में हमारे अज़मत के सामने बौना साबित होता है.
यह देश गन्धर्वों का देश है पीरों सूफियों साधुओं संतों का देश है...... यहां बच्चे शेरों के दांत गिन लेते हैं..... जी हाँ ये ईश्वर की रहमत का देश है.... जी हाँ ये नन्हें #अज़मत का देश है..........यकीन कीजिये.... पाकिस्तान सिर्फ कसाब बनाता है और भेजता है . उसके पास हमारे देश के अज़मत जैसा मुकाबिल कोई न था . ........... पाकिस्तान की बड़ी से बड़ी फिल्म को या गायक को केवल अधिकतम 40 हज़ार के आसपार दर्शक मिलते हैं... जबकी भारत में उनके गायकों को पूरी शिद्दत के साथ देखा सुना जाता है. उनको सराहा जाता है........ कई पाकिस्तानी कलाकारों को रोटी और पहचान भी भारत ने दी . बदले में ज़हर उगलता पाकिस्तानी मीडिया ईर्ष्या और कुंठा के दलदल में फंसा चीखता रहता है.
जी हाँ अज़मत जयपुर के वाशिंदे हैं. जिनको 2011 का जी टी वी लिटिल चैम्पियन होने का गौरव हासिल हुआ. दक्षिण एशिया में भारत ही एक ऐसा देश जहां सृजनात्मकता को सामाजिक तौर पर मान्यता हासिल है वह भी बिना किसी रोकटोक या जाति-धर्म-सीमाओं के भेदभाव के. जबकि पाकिस्तान में सृजनशीलता को प्राथमिकता देने की अपेक्षा कश्मीर मसला या भारत के खिलाफ विद्वेष का ज़हर बच्चों को पिलाया जाता है.
भारत के बालगायक अजमत के यूट्यूब पर अपलोडेड एक वीडियो को 01करोड़ 46 लाख लोग देख चुके हैं, जिसे 34 हज़ार से अधिक दर्शकों ने पसंद किया तो मात्र 3030 नापसंद भी कर गए ...........