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रविवार, फ़रवरी 05, 2017

कोड रेड दस्ते से मिल के खुश हुए बच्चे


जबलपुर 5 फरवरी 2017
         बालभवन के बच्चों कोड रेड दस्ते के बीच हुए संवाद उन्मुक्त पारिवारिक संवाद हुआ. बेटियों ने कोड रेड से ये तक पूछ लिया – “अंकल, स्ट्रीट टीजिंग करने वालों की टीजिंग के वक्त साय्कोलाजी क्या होती है.”
    इस जटिल से सवाल का बड़ी चतुराई से उत्तर देते हुए कोड रेड प्रभारी श्री अनुराग पंचेश्वर ने कहा –“बेशक उनकी सायाकोलाज़ी पाजिटिव तो नहीं होती परन्तु वे अंदर से बेहद कमज़ोर अवश्य होते हैं”

     एक अभिभावक कहा – “कोडरेड पर शिकायत दर्ज करने के बाद शोहदों को जमानत अथवा सज़ा से छूटने की स्थिति में शिकायतकर्ता को  भय बना रहता है..?”

  कोडरेड- “कोडरेड ऐसी कोई स्थिति नहीं बचने देती की अपराधी का अपराध साबित न हो सके फिर अगर हम पुलिस की मदद न लें तो अपराधियों के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक है.”
   गायिका किशोरी रंजना निषाद- “शोहदे छुरी चाकू जैसे असलहे लेकर घूमते हैं ...... ऐसी स्थिति में हम बेबस ही होतीं हैं न..?”
   कोडरेड :- शोहदे आदतन ऐसा इस इस लिए करते हैं ..... क्योंकि वे हमेशा भयभीत रहते हैं ..... भयभीत केवल कमज़ोर व्यक्ति ही होता है... आप आत्मशक्ति और युक्तियों से इन कमज़र्फ और कमजोर लोगों पर आसानी से जीत हासिल कर सकतीं  हैं यानी क़ानून की मदद ले सकतीं हैं.


        इस अवसर पर कोडरेड के विक्टिम तक पहुंचने पर भी सवाल किये गए. साथ ही कोड रेड द्वारा शौर्या शक्ति मार्शल आर्ट प्रशिक्षण सत्रों के लिए बालभवन की सराहना की.
संचालक बालभवन गिरीश बिल्लोरे ने – कोडरेड की शिकायत पेटी बालभवन गेट पर लगाने के लिए पुलिस महकमें का आभार व्यक्त किया. 
        बालभवन द्वारा एस पी शिकरवार जी के लिए एक बच्चे द्वारा बनाई गई पेंटिग एवं कोडरेड के  सदस्यों को सुनहरे पदक देकर सम्मानित किया . टाकशो के आयोजन में श्री देवेन्द्र यादव, शिप्रा सुल्लेरे कीर्ती मिश्रा, प्रिया सौंधिया का योगदान उल्लेखनीय रहा .      

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