आभार : KNICK N KNACK BLOG |
तपता हूँ
पिघलता भी हूँ ....
बह के तुम तक आना मुझे
अच्छा लगता है ...
बूंदों की शक्ल में
कल बरसूँगा ...... चकवे का गला
सूख जो गया है ....
टिहटिहाती
टिटहरी की तड़प
सुनी है न तुमने ...
सबके लिए आउंगा
बादल से रिमझिम रिमझिम से टपटप
बूँद बूँद समा जाउंगा तुममें ...
धरा में .... नदियों में ...
कंदराओं में ..... तुम
मेरी कीमत न लगा सकते हो ..
न किसी को चुका सकते हो ...
मैं ....... अनमोल हूँ
मैं .......बहुमोल हूँ
मैं .... पानी हूँ पानी हूँ पानी हूँ
तुम सब प्यासे हो .....प्यासे हो ......प्यासे हो
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