28.12.14

जो कभी भी न मिला, न मैं उसको जानता- वो भी पत्थर आया लेके जाने उसको क्या गिला है.


आप बोलोगें मुकुल जी, आपका तो जलजला है by girishbillore

फ़न उठा कर मुझको ही डसने चला है,
सपोला वो ही मेरी, आस्तीनों में पला है.!
वक़्त मिलता तो समझते आपसे तहज़ीब हम -
हरेक पल में व्यस्तता है तनावों का सिलसिला है.
जो कभी भी न मिला, न मैं उसको जानता-
वो भी पत्थर आया लेके जाने उसको क्या गिला है.
जीभ देखो इतनी लम्बी, कतरनी सी खचाखच्च -
आप अपनी सोचिये, बयानों में क्या रखा है .?
ये अभी तो ”मुकुल” ही है- पूरा खिलने दीजिये-
आप बोलोगें "मुकुल जी, आपका तो जलजला है..!!" 

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