Ad

शनिवार, अप्रैल 12, 2014

नीरो नै पीरो न लाल रंग ले अपनई रंग में ..!!


नीरो नै पीरो न लाल
रंग ले अपनई रंग में ..!!
*********
प्रीत भरी पिचकारी नैनन सें मारी
मन भओ गुलाबी, सूखी रही सारी.
हो गए गुलाबी से गाल
रंग ले अपनई रंग में ..!!
*********

कपड़न खौं रंग हौ तो रंग   छूट  जाहै

तन को रंग पानी से तुरतई मिट जाहै
सखियां फ़िर करहैं सवाल-
रंग ले अपनई रंग में..!!
*********




प्रीत की नरबदा मैं लोरत हूं तरपत हूं
तोरे काजे खुद  सै
रोजिन्ना  झगरत हूं
मैंक दे नरबदा में जाल –
रंग ले अपनई रंग में..!!
********


Ad

यह ब्लॉग खोजें

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में