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गुरुवार, अप्रैल 10, 2014

तुम चुप क्यों हो कारण क्या है ?


तुम चुप क्यों हो कारण क्या है ?
गुमसुम क्यों हो  कारण क्या है ?
जलते देख रहे हो तुम भी प्रश्न व्यवस्था के परवत पर
क्यों कर तापस वेश बना के, जा बैठै बरगद के तट पर  
हां मंथन का अवसर है ये  स्थिर क्यों हो कारण क्या है
अस्ताचल ने भोर प्रसूती उदयाचल में उभरी शाम
निशाआचरी संस्कृति में नित उदघोष वयंरक्षाम
रावण युग से ये युग आगे रक्ष पितामह रावण क्या है
एक दिवंगत सा चिंतन ले, चेहरों पे ले बेबस भाव
व्यवसायिक कृत्रिम मुस्कानें , मानस पे है गहन दबाव
समझौतों के तानेबाने क्यों बुनते हो कारण क्या है ?
भीड़ तुम्हारा धरम बताओ, क्या है क्या गिरगिट जैसा है
किस किताब से निकला है ये- धर्म तुम्हारा किस जैसा है ,
हिंसा बो  विद्वेष उगाते फ़िरते हो क्यों, कारण क्या है ?

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