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कि जिसने देखा न खुद का चेहरा
  उसी  के  हाथों  में  आईना
  है, 
था जिसकी तस्वीर से खौफ़ सबको,सुना
  है वो ही तो रहनुमां है. 
हां जिनकी वज़ह से है शराफ़त,है
  उनकी सबको बहुत  ज़रूरत- 
वो  चार लोगों से डर रहा हूं… बताईये क्या वो सब यहां
  हैं..? 
अगरचे मैंने ग़ज़ल कहा तो गुनाह
  क्या है.बेचारे  दिल का... 
वो बेख़बर है उसे खबर दो    कि उसके चर्चे कहां कहां हैं..? 
 
वो लौटने का करार करके गया था,
  लेकिन कभी न लौटा- 
करार करना सहज सरल है- निबाहने
  का ज़िगर कहां है . 
जो गीत तुम खुद का कह रहे हो
  मुकुल ने उसको जिया है पगले 
किसी को तुम अब ये न सुनाना सभी
  कहेंगे सुना- सुना है .  
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