11.2.11

एक "हाड़ौती" गीत -दुर्गादान जी का...अनवरत से

अनवरत

उक्त ब्लॉग से की उक्त पोस्ट से ---गाया गीत आदरणीय दुर्गादान जी से क्षमायाचना सहित प्रस्तुत कर रही हूँ ."हाड़ौती" भाषा का ज्ञान न होने से गलतियाँ  हुई है,जिससे द्विवेदी जी ने अवगत कराया है ....पर अनुमति देने के लिए आभारी भी हूँ आदरणीय द्वय की.....
शीघ्र ही आदरणीय़ दुर्गादान जी की आवाज में भी सुना जा  सकेगा...द्विवेदी जी प्रयासरत हैं...तब तक के लिए इसे ही सुने -----



सच्चा शरणम --------    चलते रहने वाले हिमान्शु जी का ब्लॉग
उक्त ब्लॉग पर आप सुन सकते है "सखिया आवा उड़ि चली"








6 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जी धन्यवाद

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर अर्चनाजी.....

बेनामी ने कहा…

भोजपुरी गीत को आपके स्वर ने अमर कर दिया है!

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

प्रस्तुति अति सुन्दर हैअर्चना जी

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

आप ने बहुत ही सुंदर रीति से इसे गाया है। बस कुछ लहजे का अंतर है। बात तो स्पष्ट हो ही जा रही है।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

यह तो सही है। इस के बाद मैं ने दुर्गादान जी को लाइव रिकार्ड किया था। उस की फाइल आप को भेजना चाह रहा था। वह कंप्यूटर में खो गई है या फिर उड़ गई है। खोज कर बताता हूँ। अन्यथा फिर रिकार्ड कर लेंगे।

Wow.....New

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