23.2.11

होली तो ससुराल की बाक़ी सब बेनूर सरहज मिश्री की डली,साला पिंड खजूर


होली तो ससुराल की बाक़ी सब बेनूर
सरहज मिश्री की डली,साला पिंड खजूर
साला पिंड-खजूर,ससुर जी ऐंचकताने
साली के अंदाज़ फोन पे लगे लुभाने
कहें मुकुल कवि होली पे जनकपुर जाओ
जीवन में इक बार,स्वर्ग का सुख पाओ..!!
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होली तो ससुराल की बाक़ी सब बेनूर
न्योता पा हम पहुंच गए मन में संग लंगूर,
मन में संग लंगूर,लख साली की उमरिया
मन में उठे विचार,चलॆ लें नयी बंदरिया .
कहत मुकुल कविराय नए कानून हैं आए
दो होली में झौंक, सोच जो ऐसी आए ...!!
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होली तो ससुराल की ,बाक़ी सब बेनूर
देवर रस के देवता, जेठ नशे में चूर,
जेठ नशे में चूर जेठानी ठुमुक बंदरिया
ननदी उमर छुपाए कहे मोरी बाली उमरिया .
कहें मुकुल कवि सास हमारी पहरेदारिन
ससुर “देव के दूत” जे उनकी पनिहारिन..!!
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सुन प्रिय मन तो बावरा, कछु सोचे कछु गाए,
इक-दूजे के रंग में हम-तुम अब रंग जाएं .
हम-तुम अब रंग जाएं,फाग में साथ रहेंगे
प्रीत रंग में भीग अबीरी फाग कहेंगे ..!
कहें मुकुल कविराय होली घर में मनाओ
मंहगे हैं त्यौहार इधर-उधर न जाओ !!

14 टिप्‍पणियां:

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

प्रिय गिरीश मुकुल जी
सादर सस्नेहाभिवादन !

एक से बढ़ कर एक कुंडलियां हैं …
होली के स्वागतार्थ तैयारी लग रही है ।
…और शिष्ट हास्य विनोद की रचना परंपरा को ब्लॉग जगत के सामने रख कर
कई ब्लॉगर्स को होली की पोस्ट्स के लिए प्रेरित भी कर दिया है आपने ।
आभार !

होली की अग्रिम बधाइयां !

साथ ही
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

Patali-The-Village ने कहा…

होली सबंधी सुन्दर कुण्डलियाँ| धन्यवाद|

Sunil Kumar ने कहा…

हमें तो याद भी नहीं था की होली आने वाली है सुन्दर रचना बधाई

अजय कुमार ने कहा…

एकदम मस्तमौला अंदाज में लिखा गया मदमस्त करने वाला गीत

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

सुन्दर रचना बधाई

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह वाह बहुत सुन्दर रचना होली जैसी मस्त। बधाई।

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत अच्छी रचना

नारी स्नेहमयी जननी

नीरज गोस्वामी ने कहा…

होली से पूर्व हास्य के छीटों से मन भिगो दिया...आनंद आ गया...

नीरज

Amit Chandra ने कहा…

हमारा मन भी होलीमय हो गया। अति सुदंर।

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

वाह मुकुल जी !
बहुत ही मनलुभावन रचनाएँ
लगता है पूरी तरह फगुनिया गए हैं

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

होली है।

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ब्‍लॉगवाणी: ब्‍लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।

vandana gupta ने कहा…

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (24-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Udan Tashtari ने कहा…

हा हा!! होली की मस्त कुंडलियाँ...मजा आ गया.

संतोष पाण्डेय ने कहा…

एक से बढ़कर एक कुण्डलियाँ. होली के पहले ही होली का एहसास करा दिया आपने.मजा आ गया.

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