7.1.11

दृश्य और संवाद : Talk Show With Deepak Mashal from Belfast

अदभुत दृश्य कैद किया अरविन्द जी ने सर्द सुबह का सूरज पंछी-दम्पत्ति
अब सुनिये बेलफ़ास्ट से संवाद
 

2 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

bahut hi badiya lagi vaarta

बवाल ने कहा…

मशाल बाबू नमस्कार। बहुत आनंद आया जी आपसे गिरीश जी की बातें सुनकर। बेलफ़ास्ट के विषय में और वहाँ के साहित्यिक वातावरण के बारे में मालूम पड़ा। हैकिंग बड़ी ख़तरनाक महसूस हुई। गिरीश जी के लिए कल ही अलाव की व्यवस्था कराने का निर्णय हमने और समीरजी ने अभी अभी फ़ोन पर लिया है क्योंकि वे सर्दी से अत्यंत पीड़ित प्रतीत हो रहे हैं। हा हा। लेकिन उनके हर व्यथात्मक सवाल पर आपके जवाब बड़े वाजिब लगे।
रही बात काग़ज़ी आँकड़ों की तो आपको ख़बर लगे कि यहाँ हर कामगार याने वो नब्बे रुपए वाला और काम वाली बाई भी मोबाइल अफ़ोर्ड करते हैं जी।
कहाँ है हमारा हिन्द ग़रीब ? हा हा।
ये सिद्ध है मगर, कि हमारे मशाल बाबू के दिल में अपने वतन के लिए दर्द की मशाल जल रही है और बस यही है तो जज़्बा है, बात है जो इस हस्ती (हिन्दुस्तान) को क़तई मिटने नहीं देती। जनसंख्या के बारे में और खेत और मकान के बारे में तो आपने बहुत ही गंभीर बात कही है। हम भी यही आजकल सोचा करते हैं कि अगामी वर्षों में क्या आदमी छतों पर खेती करेगा ?
बहुत उम्दा मशाल साहब और गिरीश जी का बहुत बहुत धन्यवाद। शुभ रात्रि। शब्बाखै़र।
अरे भा

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