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रविवार, दिसंबर 19, 2010

एक और खुला खत ब्लोगवाणी संचालकों को

Google Blogger For Dummiesसिरिल जी,
अभिवादन 
Blogger: Beyond the Basics: Customize and promote your blog with original templates, analytics, advertising, and SEO (From Technologies to Solutions)ProBlogger: Secrets for Blogging Your Way to a Six-Figure Incomeविगत चार दिनों से बवाल ने बहुत बवाल मचा रखा है, कल नानी जी की अंतिम संस्कार के बाद सोचा आपको ख़त लिखूगा किन्तु मनोदशा आप समझ ही सकतें हैं आज खुद पर काबू न रख सका ,  सोचा रहा था कि आपको ग़ालिब काका का वो शेर याद दिला दूं :-"हैं और भी दुनियाँ में ........! " सब अपनी अपनी जगह श्रेष्ठ हैं क्योंकि श्रेष्ठता सदैव अनंतिम और अनवरत होती है , यदि आप चाहें तो विरोध करने वालों के विरोध  के विचारों को को एक सलाह मान कर अपेक्षित सुधारकर पुन: ब्लागवाणी शुरू कर सकते हैं , जहाँ तक एग्रीगेटर्स का सवाल है जो सबसे प्रभाव शाली होगा उसे तो मान्यता मिलेगी ही. प्रतिष्पर्द्धा  के दौर में  श्रेष्ठता को ही खामियाजा भुगतना होता है , किन्तु प्रयास कर्ता के संकल्प और दृड़ता के कारण कोई उसे हिला भी नहीं सकता, आपके प्रयासों को सबने स्वीकारा है किन्तु ब्लागवाणी का परिदृश्य से विलुप्त होना समझ से परे है.यदि आप चाहें तो खुलासा कर दीजिये कि वज़ह क्या थी ब्लागवाणी के बंद होने की. यदि लोक हित में यह ज़रूरी नहीं समझते तो कम से कम उन कमियों पर गंभीरता से विचार कर सुधार अवश्य कर ब्लागवाणी को वापस ले आइये. सतीश जी की पोस्ट वास्तव में स्नेहिल पाती है, मैं भी वही कर रहा हूँ आप ने अपना दे दिया निर्णय स्वीकार्य है किन्तु फिर भी एक बार पुन: विचारण की गुंजाइश हो तो लोक हित में ही होगा. मेरी और से यह आखरी ख़त है अनुग्रह का - आप चिन्तन करेंगें मुझे उम्मीद है शेष आपकी जैसी मर्जी क्योंकि :- यह भी परम सत्य है कि विकास का चक्र  कभी न रूका था न रुकेगा अवश्य अ जावेंगें लोग कुछ नया लेकर आयेंगें क्या आ ही चुके हैं. पर ब्लागवाणी केवल विगत इतिहास न कहलाए बल्कि ऐतिहासिक एग्रीगेटर कहलाए जो सदा अपने नवीन तम बदलावों के साथ ब्लागर्स के साथ रहे भविष्य में भी .यह सच है कि सुधार के साथ जो आप जानते हैं .हम तो आर्थिक मानसिक संबल दे सकते है खुले तौर पर शुल्क नियत कर दीजिये, अधिकार संपन्न बनाइये अपने सम्बद्ध चिट्ठाकार को 
सादर आपका 
गिरीश बिल्लोरे मुकुल  
 सतीश सक्सेनाजी ने जो कहा बाद में जो प्रतिक्रियाएं आईं उन सब पर गौर करना ही होगा आपको 


 

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