वत्सल चावजी एक युवा विचारक सभी की मदद के लिये एक सुझाव देते हैं
01 रुपया गुणा 365 दिन और पांच लोग यानी साल भर में 1820 रुपये बस
और दस लोग जुड़े तो साल भर में 3640 रुपये बस
बस क्लब में 5-10 लोग हों समान विचार वाले जोड़ा हुआ पैसा किसी की फ़ौरी तौर पर मदद के लिये कितना ज़रूरी हो सकता है हम सबको अन्दाज़ा है अन्दाज़ा लगाएं आज़ आप अस्पताल में खड़े हैं कोई दवा खरीदने को जेब टटोल रहा है आप बाज़ार में हैं किसी बच्चे को चोट लगी उसे फ़र्ट एड चाहिये, स्टेशन पर कोई ज़रूरत मंद मिला, कोई बैसाखी खरीदना चाहता है, कोई बिटिया स्कूल की किताब के लिये परेशान है कोई मां जन्म देने जा रही है बच्चे को और उन को मदद की ज़रूरत है तो क्या ब्लागर्स एक ऐसी मिसाल कायम नहीं कर सकते ज़रूर कर सकते हैं क्यों सोचता है वत्सल ये सब आप उससे पूछ सकतें हैं :-vatsal4ev1@gmail.comयदी हां तो नेक काम में देरी क्यों ?
ये होगा एक सही
कदम