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गुरुवार, नवंबर 18, 2010

आचार्य संजीव वर्मा सलिल

http://mahavir.files.wordpress.com/2009/07/sanjivverma1.jpg?w=134&h=165    पेशे से अभियंता आचार्य संजीव वर्मा "सलिल"  के जीवन का लक्ष्य सतत क्रियेटिविटी थी तो है. गीत,नवगीत,गद्य,पर सतत रचनाएं देते सलिल जी का मुख्य ब्लाग "दिव्य-नर्मदा" है. वास्तु नन्दनी,विज्ञान-विपाशा,मन रंजना,राम नाम सुखदाई , काव्यकालिंदी सहित ढेरों ब्लॉग पर सतत लिखने वाले आचार्य जी को सतत लिखना सोहता है. अन्य वेब साइट्स एवं पोर्टल्स पर भी अक्सर उनको देख सकते हैं आप हम .
उनका एक बाल गीत आओ हिल-मिल खेलें हम लंगड़ी प्रस्तुत है.अर्चना जी के स्वरों में

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