- पात्र परिचय: मित्र एक ब्लॉगर
- दो दूजा ब्लॉगर सुविधा के लिए मान लीजिए - दूसरा मित्र मैं ही हूँ....!!
- स्थान:- जी टाक समय : देर रात गए
"श........सही................खामोश मित्र बोला " ______________________________________________________
मित्र ने कहा:-कुत्ते को आदमी ने काटा जी हाँ यही तो ख़बर है...शेष फिजूल की बातें हैं । मित्र आप नेऐसा कुछ किया हो तो हम चर्चा करेंगे । वर्ना आप जैसे नालायको के नालायकी भरे कारनामों पे क्यों कर हम अपना वक़्त जाया करेंगें । आप तो क्या आपके साक्षात देव तुल्य हुए पुरखों की किसी ऐसी बात पर हम रुख न करेंगें ओर न ही उसे भाव देंगें जिसमें वही घिसी पीती बातें हों युगों-युग से जारी हैं.....!
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मित्र ने फ़िर कहा:-अरे... भाई ये क्या नेट पे गन्दगी मचाए पड़े हो .......... जो भी लिख रहे हो लिखो किंतु कुंठा-वमन न करो घिन आती है...?______________________________________________________________
- हम बोले:- भैया,मैं...मैं, हम, हमलोग, की आवाजें सुन रहे हो न....?सच,लोग किसी अच्छी बात पे रीझते ही नहीं ,,,,किसी की पाॅजीटिविटी के अंकुरण को विश्वास के भावों से सींचते नहीं । कोई अगर आग-ज़हर उगले तो देखिये फौरन लाम बंद हो जाते हैं कुछ इसका कुछ उसका गीत गातें है कुछ तो जिधर बम उधर हम का नुस्खा आज़मातें हैं । हजूर कल की बात लीजिए ............ खैर छोडिए ......
- मित्र ने कहा:- बे मतलब की बकवास न करिए जाए हर कोई "फुरसत" में तो नईं है जो लगे चर्चा करने,अरे अपने काम से काम रखो ब्लॉग लिखो और सिस्टम को करो शट डाउन खाओ पीओ सो जाओ फिजूल वक्त जाय न करो ।
- मित्र की बात में दम है.... मित्र मेरा सही एकदम है। सब के अपने-अपने दंभ हैं । सब अपने किले के ख़ुद महारथी ख़ुद किलेदार ख़ुद पहरेदार ख़ुद सूबेदार ख़ुद, ख़ुद के अहलकार अगर आप हो समझदार तो छोड़ दो करना बातें बेक़ार अपना अपना लिखो जैसे लिखते चले आए हो न कोई बैरी न कोई अपना । सर्व स्नेह आकांक्षी मित्र उसकी एक सलाह और शेयर करना चाहता हूँ ..."कभी भी आसमान की और मुंह करके थूकना नहीं चाहिए चाहे आसमान से आप कितने भी खफा हों "
11 टिप्पणियां:
बड़ा बढ़िया वार्तालाप लिखा भाई आपने दो मित्रों के बीच का । वाह वाह! आसमान और थूक सब बिल्कुल ज़बरदस्त ।
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज़ हो कितना / दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा । मेरी एक बार फ़िर गुज़ारिश है कि इस घात-प्रतिघात को अपने हित में विराम दें । कई बार चुप से बड़ा कोई हथियार नहीं होता ।
सरीता जी
इसे व्यापक नज़रिए से देखिये
थोडा सा तंज ज़रूर है किन्तु मेरा इशारा मीडिया की गन्दगी की और है
हम चाहतें हैं कि मेरे एक मित्र पत्रकार के इस वाक्य को हू ब हू लिखा है "कुत्ते को आदमी ने काटा जी हाँ यही तो ख़बर है...शेष फिजूल की बातें हैं ।" समाचारों के इस प्रकार को आप कब तक सह पाएंगी .......?
अगर आपने इसे किसी घटना से जोड़ा हो तो भूल जाइए मैंने किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं पाल रखी है. क्योंकि मुझे मालूम है
"श्रेष्ठता
होती है सदैव समानांतर
यानी सभी श्रेष्ठ होतें हैं
सादर प्रणाम सहित "
गिरीश जी
एक कटु सत्य का उल्लेख किया है आपने. जिससे अनेक फ़ायदे है, घाटे नाममात्र के
"अपने काम से काम रखो ब्लॉग लिखो और सिस्टम को करो शट डाउन खाओ पीओ सो जाओ फिजूल वक्त जाय न करो ।"
-विजय
बहुत लाजवाब वार्तालाप लिखा आपने.
रामराम.
Shukriya tau ji
vijay ji
मिसफिट क्यों हुए
मिसेजफिट होते तो
खूब हिट होते
सब ब्लॉगर्स के
उड़ जाते तोते
फिर ब्लॉग लिखते
सदा ही सोते सोते
टिप्पणी करने वाले
सदा ही रोते।
kyaa thokaa hai janaab bilkul jama jama kar hathodaa maaraa hai, ummeed hai laga bhee hogaa aur dukhaa bhee hoga, lage rahiye.
aap misfit kahan hain fit hi fit hain badiya
बहुत बढिया।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
आप तो भाई बहुत ही गज़ब कर रहे हो....मतलब यह कि अच्छा कर रहे हो.....मजा आ गया....!!
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