7.12.08

48 घंटे में होगी कार्रवाई : लकड़ी के आगे नाची मकड़ी

मेरी पिछली पोष्ट स्मरण-कीजिए . आज रात यानी 11:30 सेवाशिंगटन पोस्ट के हवाले से भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशों की सफलता का विस्तृत समाचार प्रसारित हुआ .भारतीय कूट्नीतिक की सफलता ही कहा जाएगा । इस समाचार के आने से उन सारे मुंहों पर फिलहाल ताले से पड़ गए हैं जो कल तक सरकार पर निशाना साध रहे थे । मैं एक अन्य पोस्ट
में आंशिक परिवर्तन करना चाहता हूँ एक सूत्र और जोड़ कर"कि सिम कार्ड्स की खरीद फरोख्त" को और अधिक सख्त कर देना चाहिए . इस मसाले पर नियामक आयोग को अब कार्रवाई करनी चाहिए,
जहाँ तक आई डी फ्रूफ की ज़रूरत का सवाल है किसी भी स्थिति में आई डी प्रूफ़स का पुन: परीक्षण करना अब बेहद ज़रूरी हो गया है। नवभारत टाइम्स -की चिंता पर भी जायज़ है। अब इन भैया लोगों के - द्वारा मार्च निकाला जा रहा है इनके लिए हमारी शुभ कामनाएं


भारत की अस्मिता से खिलवाड़ करने वाली

ताक़तों के विरुद्ध जो जूनून अभी पनपा है उसे

सभी भारतवासी कायम रखें देश की सुरक्षा

के लिए यही ज़ज्बात ज़रूरी हैं मित्रो

तरक्की के साथ सुरक्षा सर्वोपरी है

वंदे-मातरम


12 टिप्‍पणियां:

Anil Kumar ने कहा…

वाशिंगटन पोस्ट का जो लिंक दिया है उसमें भारत की तो बुराई ही बुराई की गयी है - कूटनीतिक सफलता तो कहीं नहीं दिखाई दे रही उस लेख में!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आप सौ प्रतिशत सही कह रहे हैं !

रामराम !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

ताऊ जी अनिल जी
आपकी नज़र पड़ ही गई
शुक्रिया

बेनामी ने कहा…

आपकी पोस्ट असरदार है

P.N. Subramanian ने कहा…

बाहरी लिंक्स के लिए आभार. वैसे वॉशिंग्टन पोस्ट में सारी की सारी प्रतिकूल नहीं हैं.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

अनिल जी
सादर अभिवादन
देर रात लिखी इस पोस्ट में मुझसे यह त्रुटी हो गई वास्तव में पोस्ट
तक पहुँचने के उद्येश्य से लिंक दिया था .
PN Subramanian जी के प्रति आभार
अनिल सर
कूटनीतिक सफलता के संकेत दिखाई देंगें भारत के सारी जनता
आशा की नै किरणों की प्रतीक्षा में है

समयचक्र ने कहा…

आशा की नई किरणों की उम्मीदे
जागी है बहुत बढ़िया समसामयिक जी

Unknown ने कहा…

गिरीश भाई
बधइया

बेनामी ने कहा…

bhai ji आदतन पाकिस्तान का मुकरना तय था

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

newsreportor ji
thanks

राज भाटिय़ा ने कहा…

देखे भाई क्या होता है, धन्यवाद इस जानकारी के लिये.

बवाल ने कहा…

मुकुल भाई, बेहद सटीक पोस्ट है जी, देखिये आगे क्या होता है ? हम ठन्ड के साथ साथ ठन्डे पडते हैं या राख में आंच बचती है.

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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