30.3.11

अपनाने में हर्ज क्या है ???











एक पोस्ट केवल राम जी के ब्लॉग "चलते-चलते" से---
 

 केवलराम की यह पोस्ट अर्चना जी ने उम्दा ब्लागपोस्ट की पाडकास्टिंग की गरज़ से पेश की है. केवलराम जी एक उम्दा और भीड़ में अलग दिखाई देने वाले व्यक्तित्व के धनी हैं. उनके दो ब्लाग हैं
चलते -चलते ....! और  "धर्म और दर्शन".. वे हिंदी ब्लागिंग के लिये इतने समर्पित है कि उनने शोध के लिये हिंदी ब्लागिंग को चुना है.... हिंदी संस्कृत अंग्रेजी पर समान अधिकार रखने वाले केवल राम जी को दुलारिये एक मेल कीजिये उत्साह वर्धन कीजिये...ये रहा  उनका मेल-पता  
kewalanjali84@gmail.com
-गिरीश बिल्लोरे
_______________________जन्म दिन (आभार-पाबला जी का )________________

10 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

केवल जी के ब्लॉग पर अक्सर जाना होता है ....उनकी उम्दा रचना को आपने चुना है....जानकर अच्छा लगा.....

बहुत बढ़िया प्रस्तुति अर्चना जी ...

Dr Varsha Singh ने कहा…

केवल राम जी के ब्लॉग ‘चलते -चलते ....!’ और "धर्म और दर्शन".. दोनों बहुत उत्तम हैं...

अर्चना जी,
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

केवल राम जी पर अच्छी प्रस्तुति के लिए अर्चना जी आपको आपको हार्दिक धन्यवाद!

संध्या शर्मा ने कहा…

केवल राम जी के ब्लॉग ‘चलते -चलते ....!’ और "धर्म और दर्शन".. दोनों बहुत ही उत्तम हैं...उनका लेखन भी उच्च कोटि का है...उनकी उम्दा रचना को आपने चुना इसके लिए आपका आभार...

अर्चना जी,
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!.

संजय भास्‍कर ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
संजय भास्‍कर ने कहा…

केवल राम जी का लेखन उच्च कोटि का है
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद..अर्चना जी

विशाल ने कहा…

केवल जी का लेखन सच में जीवन दर्शन है.
अर्चना जी को बधाई इस उम्दा अभिव्यक्ति के लिए.

S.M.Masoom ने कहा…

वाह क्या बात है ,केवल जी कि कलम और अर्चना जी कि आवाज़. बेहतरीन

Kunwar Kusumesh ने कहा…

केवल जी के ब्लॉग पर जाना होता रहता है.

Rakesh Kumar ने कहा…

केवल राम जी तो केवल 'राम' ही हैं

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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