5.12.08

ये तुम्हारे लिए ताजमहल बनवाने गए "मुमताज़ "

आज जबलपुर के अखबारों में छ्पी एक ख़बर "एक मानसिक रूप से विक्षिप्त से....... छि..........." उस औरत को ये हराम जादे "मुमताज़" कहते थेइन लोगों ने बेचारी

जबलपुर के रद्दी चौकी क्षेत्र मेंएक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती के साथ किया दुराचार किन्नरों ने घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया

विक्षिप्ता के साथ दुराचार तो किया ही साथ ही साथ उसे शारीरिक चोट पहुंचा कर घायल अवस्था में सड़क पर फैंक दिया यह घटना है जबलपुर के रद्दी-चौकी क्षेत्र की २५ वर्षीय इस अबोध नारी पर किए हुए के जिम्मेदार कौन हैं इस बात की पता साजी हमारी जिम्मेदार पुलिस कर रही है। घटना दिल दहला देने वाली है किंतु उन किन्नरों के प्रति हमारी कृतज्ञता जिन्होंने मुमताज़ को सुबह-सुबह अस्पताल पहुंचाने का काम किया।

ये नुक्कड़ पर लिए शायद अभी गए हैं ताजमहल बनाने"

हमारी जिम्मेदार पुलिस इनकी तलाश में हैं..!

उन किन्नरों के मानस में बसे मानव-कल्याण के भावों ने साबित कर दिया की वे कितने महान हैं जिन्हौने पीड़ित मानवता की सेवा की। हम उन हरामजादों के लिए क्या कहें जिनकी तलाश पुलिश शायद ही कर पाए जाने किस का सम्बन्ध किस रसूखदार से हो
अबोध/नि;शक्त/नारीयों पर जुल्म करना
सर्वशक्तिमान का अपमान करने के तुल्य
है....आइये मानवता का पाठ सीखें किन्नरों से









"विस्तृतपोस्ट नुक्कड़ पर दरिंदो के जख्म और किन्नरों का मरहम

14 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

ऎसा काम कमीने ओर कमिनो की ओलाद ही करती है, जिन का कोई इमान नही होता, अब अगर इस नारी से कोई संतान पेदा होती है तो वो भी इन्ही दरिन्दो की ओलाद के काम आयेगी , यानि भाई बहिन, ओर शायद यह नारी भी इन कमीनो की बहन ही हो.
धन्यवाद

Unknown ने कहा…

इस दरिन्दगी के किन्नरों के प्रति हम आभारी हैं

बेनामी ने कहा…

अपने जो लिखा उस पर गम्भीरता
से चिंतन ज़रूरी है.
रश्मि दीवान , भोपाल

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत शर्मनाक और दिल दहला देने वाला कृत्य है ! किन्नरों के लिए मन में अगाध श्रद्धा में और बढोतरी हुई !

रामराम !

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

राज जी, ब्लॉग पत्रकार जी
अज्ञातानंद उर्फ़ रश्मि दीवान जी
और ताऊ
यह कितना दु:खाद पहलू है कि
इन ने अभागी को भी

seema gupta ने कहा…

" पढ़ कर मन अवसाद और घर्णा से भर गया है , क्या इंसानियत नाम की चीज़ है ही नही , भला हो किन्नरों का .....बेहद शर्मनाक .."

Anil Pusadkar ने कहा…

ऐसे लोग कलंक है इंसानियत के नाम पर और कलंक को मिटा दिया जाना है।

समयचक्र ने कहा…

कलंक है इंसानियत के नाम पर

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

बहुत ही घ्रणित और निंदनीय कृत्या है .
किंतु किन्नरों के प्रति हम आभारी हैं की उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया है की आज भी मानवता जिन्दा है .

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

सभी सहयोगी ब्लागर्स का आभार

बेनामी ने कहा…

बडी ही घ्रणित और निंदनीय धटना है। ऐसे कृत्य करने वालो को पकड कर बिच सडक पर गोली मार देनी चाहीये। किन्नरों ने एक बार फिर अच्छा कार्य किया जिसकी सहराना होनी ही चाहिये।>>>>>>> हे प्रभु यह तेरापन्थ

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत शर्मनाक है ये बात, नैतिक पतन हो चुका है सब का

Jayram Viplav ने कहा…

इस तरह की तमाम घटनाओं से समाज में बढ़ते हुए सेक्स विकृति की ओर संकेत मिलता है पर हम में से कितने लोग इस बात को मानने को तैयार हैं कि सब सेक्स के गलत ज्ञान का फल है .खुद सोचिये जरा ! जिस समाज में सेक्स /काम /सम्भोग आदि विषयों पर बात करना गुनाह हो वहां हर घंटे दर्जनों नृशंस बलात्कार ,अप्राकृतिक यौनाचार क्यों ? क्या है हमारी बढ़ती यौन विकृति नहीं है ? अब यह भी सोचे कि यह विकृति क्यों और कैसे पनपी ?

ASHWANI SHARMA ने कहा…

YEH TO BAHUT BURI BAAT HAI

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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