शनिचरी - निठल्ले के साथ चिट्ठो का चिट्ठा


" शनिचरी":- सुबह संदेशा भर लाई कि

महाशक्ति समूह की चिंता को पाठकों स्पर्श न करना सिद्ध कर गया समंदर की हवाएं अब तरो-ताज़ा नहीं करतीं. हैं किंतु कोई यदि ये कहे कि- सर्द मौसम... और तुम्हारी यादें... तो बाक़ी मौसमों में क्या करतें हैं जी ? हाँ शायद इंतजारकर रहें होंगे इस मौसम का . युवाओं में विवाह के प्रति बढ़ती अनास्था की समस्या को देखते हुए सबकी चिंता जायज़ है न इसी लिए तो समाचार मिलता है कि- “ दो वर्ष में तीस हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार ? अच्छी खबरिया ले आएं हैं इसे पड़कर. कुंवारी बेटी के बाप दूसरे समाचार से प्रभावित है. सभी कहतें है सूर्य उदय हो गया है . जयश्री का ब्लॉग सच देखने काबिल हैफ़ैमिली डॉक्टर की ज़रूरत है कबाड़खाने को. सियासी मैदान में ज़मीन तलाशती औरतें और इस समाचार के साथ पुरूष घरेलू कामकाज सीखरहे है, इस मसले पर ब्लॉग लिखने जा रहे हैं कुछ ख़बर चुनाव क्षेत्र से : संवाद दाता ताऊ भेज रहें है ज़रूर बांचिए '

जय शनि देव

टिप्पणियाँ

वाह भाई बिल्लोरे जी आपका यह प्रयोग भी मजेदार रहा ! बहुत शुभकामनाएं !

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