अंग्रेज़ भारत से क्यों भागे.? लेखक :- श्रीमन प्रशांत पोळ
*मुंबई का नौसेना आंदोलन* - प्रशांत पोळ यह आर्टिकल श्री प्रशांत पोळ जी फेसबुक वॉल से आभार सहित प्राप्त किया है द्वितीय विश्वयुध्द के बाद की परिस्थिति सभी के लिए कठिन थी. ब्रिटन के तत्कालीन प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल भारत को स्वतंत्रता देने के पक्ष में नहीं थे. वे अपनी युवावस्था में भारत में रह चुके थे. ब्रिटीश आर्मी में सेकेंड लेफ्टिनंट के नाते वे मुंबई, बंगलोर, कलकत्ता, हैदराबाद आदि स्थानों तैनात थे. नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस में उन्होंने अफगान पठानों के विरोध में युद्ध भी लडा था. १८९६ और १८९७ ये दो वर्ष उन्होंने भारत में गुजारे. भारत की समृद्धि, यहां के राजे - रजवाडे, यहां के लोगों का स्वभाव… यह सब उन्होंने देखा था. यह देखकर उन्हें लगता था कि अंग्रेज भारत पर राज करने के लिये ही पैदा हुए हैं. इसलिये द्वितीय विश्वयुद्ध के समय विंस्टन चर्चिल की ओर से सर स्टेफोर्ड किप्स को भारतियों का सहयोग प्राप्त करने के लिए भारत भेजा गया. इस क्रिप्स मिशन ने भारतीय नेताओं को यह आश्वासन दिया गया की युद्ध समाप्त होते ही भारत को सीमित स्वतंत्रता दी जाएगी. इस आश्वासन को देने के बाद भ