समापन किस्त : कुत्ते भौंकते क्यों हैं...?
मिसफ़िट पर पिछली पोस्ट में आपने बांचा उस्ताद – जमूरे, ये क्या है..? जमूरा- कुत्ता... उस्ताद... इतना काटेंगे कि सारे रैबीज खत्म हो जाएं अब आगे :- (इस वाक़ये से एक चिंतन का दरवाज़ा खुलता है. वो दरवाज़ा जो हमारे मन में पनप रहे कुत्तावृत्ति का परिचय देगा सोचते रहिये यही सोचेंगे जो मै लिख रहा हूं) चित्र क्रमांक 01 कुत्तावृत्ति का प्रमुख परिचय भौंक है, जिसका अर्थ आप सभी बेहतर तरीके से जानते हैं. जिसका क्रिया रूप "भौंकना" है. भौंक एक तरह से आंतरिक- भय जन्य आवेग का समानार्थी भाव है. जो आत्म-रक्षार्थ प्रसूतता है. अब बांये चित्र में ही देखिये ये चारों लोग जो मयकश जुआरी हैं नशा आते ही इनके चिंतन पर हावी होगा भय. कहीं मैं हार न जाऊं.और दूसरे को हारता देख खुश होंगे खुद को हारने का भय भी होगा.. फ़िर टुन्न होकर अचानक चिल्लाने लगेंगे ध्यान से सुनने पर आप को साफ़ तौर पर कुत्तों के लड़ने की ही आवाज़ आएगी. जब आप कभी अपने आपको आसन्न खतरे से बचाना चाहते हैं तो आप बचाने के राह खोजने से पहले आप चीखेंगे अपना चेहरा देखना तब कुत्ते सा ही लगेगा आपको.मेरे एक परिचित हैं जिनकी आवाज़ वै