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मंगलवार, अक्टूबर 12, 2010

आईये दुआ करें

आईये दुआ करे
उनके लिये जो
अपनों से
महफ़ूज़ न हो...!!
जो
सदा दर्द के सागर में तैरता हो
वो जिससे
कईयों का नेह भरा नाता हो
वो जो दुश्मन के भी गुण गाता हो ?
जी हां उसी अपने से पराये-आदमी की
बेहतरी के लिये
आईये दुआ करे

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