[02]समयचक्र हिन्दी ब्लॉग और हिन्दी साहित्य : श्री समीर लाल
बाल गोपालो को फूलों सा खिलाना है
[03]जबलपुर चौपाल" में उड़नतश्तरी का होली आयोजन और लुकमान की याद
[04], Sameer Lal उर्फ़ बिदेसिया जबलईपुर वारे ने छापा दिल से आवाज आई: विश्व रंगमंच दिवस पर
एक और जबलपुरिया "yunus भाई " को तो भूल ही गया था नूर साहब लाॅ कालेज में मुझे पढाते थे । मेरी अम्मी जिनका शेर
"मेरी आंखों पे लरज़ते हुए उनके आंसू,यूँ ही ठहरे रहें ता उम्र इनायत होगी ,
कद्र-ऐ-जुम्बिश में गिर के बिखर जाएंगे , और फिर उनकी अमानत में खयानत होगी "
खूब याद है, खूब याद है इरफान का वो शेर :-"जब भूक की शिद्दत से तढ़पेगें मेरे बच्चे ,दीवार पे रोटी की तस्वीर बना दूंगा "
हजूर [yunus भाई ]आप जबलपुर या एम० पी० के संगीतकारों , गायकों पर एक पोस्ट देकर जबलपुरिया धर्म निबाह दीजिए ।
2 टिप्पणियां:
jabalapuriya parmpara ka nirvah jarur karenge . bas aap sabhi ko sote se jagate rahiye ji abhaar
भइया मशाल ज्योति से ज्योति जलाते रहो
जबलपुर मै ब्लॉगर की संख्या बढाते रहो
सब देखते रह जावेंगे जब जबलपुर के ब्लॉगर सब जगह अपनी ब्लागिंग का झंडा फाहरायेंगे
भाई मै भी जुड़ रहा हूँ मेरा नाम सफल प्रहरी है
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