27.9.21

एमबीए चायवाला प्रफुल्ल बिल्लोरे

        MBA CHAIWALA 
  प्रफुल्ल बिल्लोरे एक ऐसा नाम है जिन्होंने जिंदगी को शर्तों पर जीने का इरादा तय कर लिया था। 1996 में धार जिले के एक कस्बे में जन्मे प्रफुल्ल ने वो कर दिखाया जो देख कर तो अच्छा लगेगा पर उसे कर पाने हौसला कुछ लोगों में ही मिलेगा। एमबीए में एडमिशन के लिए परेशान प्रफुल्ल ने अपनी यायावरी इस वजह से शुरू की किस गोरा उन्हें कोई एक मुकम्मल मंजिल हासिल हो जाए। जी हां मैं अहमदाबाद के एमबीए चायवाला प्रफुल्ल की बात कर रहा हूं। यहां एमबीए का अर्थ  डिग्री नहीं है बल्कि मिस्टर बिल्लोरे अहमदाबाद है। इस युवक की जिंदगी बड़ी रोचक है असफलताओं पर निराश होना मानव प्रवृत्ति है परंतु असफलताओं से सीख कर सफल हो जाना एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी उदाहरण ही कहे जाएंगे।
   यूं ही मेरी मुलाकात थी प्रफुल्ल से ट्विटर पर हुई मैंने पूछा आर यू एन डी उत्तर मिला धार से हूं।
एमबीए चायवाला एक ब्रांड एक सोच एक सफलता की चाबी एक इच्छा शक्ति हां यही है प्रफुल्ल का जीवन परिचय और पहचान।
    प्रफुल्ल कहते हैं कि अपनी सफलता के लिए पेरेंट्स और परिस्थिति को दोष नहीं देना चाहिए बल्कि परिस्थितियों पर काबू कर लेना चाहिए। लगभग 5 से 6 करोड़ के टर्नओवर वाले उनके एमबीए चायवाला का मतलब ही शून्य से शिखर की यात्रा है।
    प्रफुल्ल एक आईकॉनिक चाय वाले बन गए हैं उनका सपना है कि विश्व में इनका ब्रांड कमाल करे। 
    प्रफुल्ल बिना संकोच स्वीकारते हैं कि- उन्हें अहमदाबाद में चाय बेचने का धंधा परिवार से 6 माह तक छुपा के रखना पड़ा। प्रफुल्ल जानते थे कि जीत के मायने क्या होते हैं और जीत कैसे हासिल की जाती है। एक कंजरवेटिव एनवायरमेंट प्रोग्रेसिव टैलेंट को रोकता है यह सच है सारा समाज यही करता है। एमबीए की तैयारी करने वाला लड़का अगर चाय का ठेला लगा ले सदमा तो लगेगा ही। माता-पिता को इस बात का भय होगा कि समाज क्या कहेगा चार लोग क्या कहेंगे।
   सच बताऊं मैं तो उन चार लोगों को चार दशक से तलाश रहा हूं जो कुछ कहते हैं और उनके डर से कुछ लोग अपने रास्ते बदल देते हैं या हार जाते हैं यह थक जाते हैं। 
मुझे लगता है कि प्रफुल्ल बिल्लोरे ने उन चार लोगों को कहीं काल कोठरी में कैद करके गोया रख दिया हो। उन चार लोगों की बात प्रफुल्ल को सुनाई नहीं देती और प्रफुल्ल ने इंदौर दिल्ली गुड़गांव और जाने कहां कहां की यात्रा की पर ठहराव के लिए गुजरात का अहमदाबाद शहर चुना। आपको आश्चर्य होगा कि जिस कॉलेज में एमबीए चाय वाले को एडमिशन चाहिए था और वह क्वालीफाई नहीं कर पाए उसी कॉलेज में नितिन गडकरी साहब के साथ मंच शेयर करते हुए प्रफुल्ल में मोटिवेशनल स्पीच दी मैं भी हतप्रभ हूं आश्चर्यचकित होने का कारण है अपनी आईडियोलॉजी को शिखर तक पहुंचाने की हुनर !
आईआईएम और कई संस्थान अब तो प्रफुल्ल को बुलाते हैं ताकि उनके स्टूडेंट सीख सकते हैं इस सफलता की चाबी है तो पर उसे सफलता का ताला खुलता कहते हैं। अपमान और अभाव सब का सामना करना पड़ा था प्रफुल्ल बिल्लोरे को पर संकल्प बड़े थे और प्रफुल्ल भी तो सपने पूरे करने पर अड़े थे। यह तो प्रफुल्ल की शुरुआत है आगे आगे देखिए क्या उनका आने वाला कल उनके जीवन में कितने सुनहरी सुबह उगाए का इसे मालूम शुभकामनाओं सहित 
Quality and Billore containing 7 letters ok it means another name of quality...👌 
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