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शनिवार, सितंबर 25, 2021

विश्व में भारत के बढ़ते हुए प्रभाव के प्रमाण मिल रहे हैं..!

*विश्व में भारत के बढ़ते हुए प्रभाव के प्रमाण मिल रहे हैं..!*
           प्रधान सेवक की 23 सितंबर 2021 से प्रारंभ हुई अमेरिका यात्रा भारत के लिए जितनी महत्वपूर्ण एवं जरूरी थी  उससे ज्यादा ग्लोबल ट्रस्टीशिप के कांसेप्ट को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। एक और विस्तार वादी चीन और आतंकवाद के पनाहगाह राष्ट्रों के लिए खतरे की घंटी अवश्य साबित होगा इन पंक्तियों के लिखे जाने तक दिनांक 25 सितंबर 2021 को मध्य रात्रि भारतीय समय अनुसार लगभग 2:00 क्वाड मीटिंग समाप्त हो गई । मुख्य तौर पर इस बैठक में इंडो प्रशांत सागर में क्वाड ने अपनी दखलअंदाजी को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। अब रोनाल्ड रिगन सामरिक जहाज की मौजूदगी  दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में रहेगी। बैठक के पूर्व चीन ने स्पष्ट कर दिया था कि क्वाड को अन्य देशों के महत्व का ध्यान रखना चाहिए। चीन का आशय स्पष्ट रूप से अपनी स्वेच्छाचारिता को सुरक्षित रखने के लिए वैश्विक धमकी के रूप में समझा जा सकता है। कुल मिलाकर यह बैठक अर्थ चीन के नकारात्मक चिंतन के विरुद्ध एकजुटता का संदेश जारी करना रहा है।
  दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में अमेरिकी नेवल  वार शिप की मौजूदगी चीन के अस्तित्व पर बहुत बड़ा सवालिया निशान बन जाएगी। पाकिस्तान मूल के कैनेडियन पत्रकार अनीस फारुकी रोनाल्ड रिगन की तैनाती को ऐतिहासिक मानते हैं। 
  दक्षिण चीन सागर का सामरिक दुरुपयोग करने वाला चीन आश्चर्यचकित जरूर रहेगा। मेरा व्यक्तिगत अनुमान है कि बैठक के पूर्व जो वाइडन एवं क्वाड सदस्यों ने इसमें पर पूर्व में ही आम सहमति बना ली होगी। अमेरिकी नेवल फ्लीट डिक्लेरेशन से चीन पाकिस्तान तालिबान का चिंतित होना स्वाभाविक है। रोनाल्ड रिगन में लगभग 6000 के आसपास नेवल और एयर फोर्स के सैनिक मौजूद होते हैं। रोनाल्ड रिगन एयरक्राफ्ट कैरियर एक तरह से आर्मी बेस माना जा सकता है।  पूर्व राजनयिक विष्णु प्रकाश कहते हैं कि यह आने वाले दशक के लिए बड़ी महत्वपूर्ण तैयारी है। परंतु अमेरिका की प्राथमिकताएं अक्सर बदलती रहती है परंतु अगर अमेरिका रोनाल्ड रिगन को स्थाई रूप से स्थापित कर दिया जाता है तो दीर्घकालीन सकारात्मक परिणाम अवश्य देखने को मिलेंगे। दूसरी ओर पाकिस्तानी पत्रकार फखर यूसुफजई सीपैक को लेकर चिंतित नजर आए उनका मानना है कि सी पैक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए कतई भी सहयोगी नहीं है इसका समर्थन पूर्व राजनयिक विष्णु प्रकाश भी करते हैं वास्तव में सीपैक केवल पाकिस्तान के दोहन का साधन है। भारत  उपमहाद्वीप में चीन का बढ़ता हुआ दबाव निकट भविष्य में तरल होने की संभावना है। 
   रात्रि 2:48 कॉल विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हर्षवर्धन श्रन्गला ने भारतीय प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के प्रथम दो दिवस ऑफिशियल ब्रीफिंग देते हुए पीएम मोदी के साथ उपराष्ट्रपति कमला हैरिस एवं राष्ट्रपति जो वाइडन के बीच हुई वार्ताओं का ब्यौरा दिया । दोनों राष्ट्राध्यक्ष की कोविड-19 के के संदर्भ में एक साथ काम करने अफगानिस्तान के संदर्भ में भी बातचीत की गई इसके साथ-साथ आर्थिक मुद्दों द्विपक्षीय वार्ता जिसमें व्यापार बढ़ाने पर भारतीयों के लिए H1B वीजा के संदर्भ में भी विस्तृत बातचीत की गई। जो वायडन ने भारत के लिए सुरक्षा परिषद में सीट बढ़ाने एवं स्थाई सदस्यता का खुलकर समर्थन करने के समाचार भी इस यात्रा के दौरान मिले हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर काउंटरटेररिज्म ग्रुप के गठन को भी दोनों नेताओं ने मंजूरी दी है। कुल मिलाकर यह वार्ता बहुत महत्वपूर्ण एवं भारत के वैश्विक प्रभाव में इजाफे की प्रथम सूचना है। इस बैठक के पूर्व जलवायु परिवर्तन के मसले पर मोदी जी ने सोलर एनर्जी बनाने वाली कंपनी के सीईओ से विस्तार से चर्चा की थी और जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर बैठक में सकारात्मक बिंदु उभर कर आए हैं। कम से कम दक्षिण एशिया में अगर पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को हल कर लिया जाता है तो यह है उपलब्धि ही होगी
गिरीश बिल्लोरे मुकुल

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