तमिलनाडु के तंजौर में पदस्थ जबलपुर मूल के कृषि वैज्ञानिक डॉ आकाश पारे जिनका बचपन जबलपुर में बीता था निधन दिनांक 7 सितंबर 2021 को तंजौर में हो गया । पंडित लज्जा शंकर झा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सेवानिवृत्त स्वर्गीय शिक्षक श्री प्रकाश चंद्र पारे एवं हितकारिणी विद्यालय परिवार की शिक्षिका श्रीमती लीला पारे के कनिष्ठ पुत्र श्री आकाश पारे बचपन से ही मेधावी छात्र रहें है ।
वेब पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल हाई स्कूल के छात्र थे। उनकी, शिक्षा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री , तथा डॉक्ट्रेट की डिग्री , तदोपरांत तंजावुर से एक और विषय में डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ आकाश ने कम समय में ही कृषि उत्पादन एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा दिखानी प्रारंभ कर दी थी। तंजावुर यूनिवर्सिटी में बतौर सहायक प्राध्यापक और फिर प्राध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। बड़े भाई विकास एवं डॉ आकाश ने बचपन से ही अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए थे। डॉ आकाश की रिसर्च आधारित पुस्तकें विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रमुखता से पढ़ी जाती हैं। कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान के लिए उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। उनका बेहद कम उम्र में जाना भारतीय कृषि विज्ञान अनुसंधान एवं कृषि विकास के क्षेत्र में एक अध्याय का रुक जाना है। डॉ आकाश ना केवल तमिलनाडु सरकार के लिए बल्कि संपूर्ण भारत के लिए वह अति महत्वपूर्ण युवा कृषि वैज्ञानिक के रूप में जाने पहचाने जाते रहे हैं। 40 वर्षीय डॉक्टर आकाश विगत 3 माह से लंगस कैंसर से पीड़ित रहे तथा उनका निधन 7 सितंबर 2021 को तंजावूर में इलाज के दौरान हो गया। डॉ आकाश का जाना हमारी एवं राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है।
डॉ आकाश अपने पीछे अपनी मां पत्नी श्रीमती अदिति एवं दो बच्चों को छोड़ गए हैं। नार्मदेय ब्राह्मण समाज जबलपुर शोकाकुल परिवार को इस गहन दुख को सहने की शक्ति के लिए प्रभु से प्रार्थनारत हैं ।