जस्टिन का यह भाषण केवल भारतीय मूल के कैनेडियन नागरिकों को संतुष्ट करने वाला वक्तव्य है जो उन्हें आगामी समय में राजनैतिक लाभ दिला सकता है । वैसे भी कनाडा के आगामी आम चुनावों की परिस्थितियां जस्टिन तू डूब के अनुकूल नहीं है। परंतु श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी जी ने जस्टिन ट्रूडो की इस हरकत पर ट्वीट करते हुए भारतीय मामलों में हस्तक्षेप ना करने की स्पष्ट संदेश दिए और आंतरिक मुद्दे के शीघ्र निपटान के लिए भारत के प्रधानमंत्री महोदय से अनुरोध किया है।
आपको याद होगा जस्टिन ट्रूडो की 2018 वाली भारत यात्रा जिस पर यूट्यूब पर बहुत ज़बरदस्त कॉमेडी पेश करते हुए उनकी यात्रा को एक कलाकार ने डिजास्टर तक की संज्ञा दी डाली ।
भारत की ओर से फिल्मी कलाकार जस्टिन से मिले
इस यात्रा को ना केवल विश्व में याद रखा है बल्कि Justin trudeau की आने वाली पीढ़ियों का इतिहास भी यही होगा।
मुझे तो लगता है कि कैनेडियन प्रधानमंत्री के दिल का 2018 वाला
घाव अभी तक नहीं भरा है ।
अपने ही देश में समस्याओं से घिरे जस्टिन के मुंह से भारत को नागरिक अधिकारों का ज्ञान बांटने वाले जस्टिन ट्रूडो को चाहिए कि -" खालिस्तान के समर्थकों को कनाडा आमंत्रित करें वहां की नागरिकता दें और कनाडा को खालिस्तान के रूप में विकसित करलें । इससे बेहतर विकल्प उनके पास कोई शेष नहीं है अथवा एक और विकल्प है कि वह भारत के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार करें । वैसे भी भारत में 1 इंच भी भूमि देशद्रोहियों के लिए अब शेष नहीं है। वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह