23.4.20

जिओ के साथ फेसबुक के आने का रहस्य

जिओ फेसबुक फ्रेंडशिप

पृथ्वी दिवस के अवसर पर अचानक की खबर आती है कि फेसबुक ने मात्र 9.99 प्रतिशत ठेकेदारी के लिए एक बड़ी रकम जिओ को सौंप दी है . . ?
इसके कई राजनीतिक एवं अन्य मायने निकाले जा रहे हैं। जब गंभीरता से पर विचार किया और परिस्थितियों का अवलोकन किया तो पता चलता है कि फेसबुक ने एक और चैट सर्विस से पहले हाथ मिला लिया...और वह सर्विस है हमारी सर्वाधिक लोकप्रिय सर्विस व्हाट्सएप . उधर 22 अप्रैल 2020 को फेसबुक ने जिओ को 43,574 करोड़ रुपए देखकर अपनी रिश्तेदारी पक्की कर ली है ।
बाकी सारे आंकड़े आपने अखबार में पढ़ ही लिए हैं उस पर ज्यादा विचार करना या उसे यहां पुनः लिखना अर्थहीन है। पर हम आपको बता दें कि यह एक ऐसी ट्रिनिटी संधि है जिसमें सब एक दूसरे का हाथ पकड़कर चलेंगे। फेसबुक जिओ और व्हाट्सएप। यहां तक तो बात बिल्कुल साफ है कि ऐसा अक्सर व्यवसाय में चलता है , यह नई बात तो है नहीं। पर इसमें नया एंगल क्या है ऐसा फेसबुक ने क्यों किया ?
यही सवाल सोच रहे हैं ना आप ।
तो समझिए के अब फेसबुक एक तरह से किसी ऐसे व्यवसाय में कूदना चाहता है जो उसे आने वाले समय में एक विकल्प के रूप में खड़ा कर दे और वह व्यवसाय हो सकता है ऑनलाइन मार्केटिंग ।
वर्तमान में इसके 3 बड़े खिलाड़ी है अलीबाबा अमेजॉन और फ्लिपकार्ट । भारत एक विशाल बाजार है। यह आप सब जानते हैं यद्यपि बता दिया। बाजार की नब्ज पकड़ना बहुत जरूरी है और नब्ज ट्रेडिशनल तरीकों से पकड़नी मुश्किल होगी।
फेसबुक बहुत ही अधिक चिंतित रहता है आपके बारे में उसे मालूम है कि आज आपके मित्र से 5 साल पहले मित्रता हुई थी। फेसबुक ना केवल मित्रता की याद दिलाएगा और आपकी एक्टिविटी के आधार पर हो सकता है कि आपको यह बता दे आपके मित्र को अमुक वस्तु ऑनलाइन गिफ्ट की जा सकती है। हो सकता है आपको मेरे सोचने पर हंसी आ जाए। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का मतलब भी यही है आप भले ही अपना डाटा किसी को ट्रांसफर ना करें फिर भी आपको क्या पसंद है इसका अनुमान इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के जरिए पता लगाया जा सकता है। हमारा सबसे करीबी रिश्तेदार सोशल मीडिया फोरम है। चाइना के चित्र देखकर हमें हंसी आ जाया करती थी एक कैरीकेचर में कार्टूनिस्ट ने दर्शाया था कि चीन के रेलवे स्टेशन पर प्रत्येक हाथ में सेलफोन था। और सारी भीड़ सिर झुकाए खड़ी हुई थी। ट्रेन आती है प्रतीक्षारत यात्रियों की निगाहें दरवाजे तक पहुंचते-पहुंचते भी लगभग सेल फोन पर होती है।
इस तरह हम अत्यधिक हमारे व्यवहार से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को परिचित करा रहे होते हैं। और आपकी यह जानकारी यानी ट्रेंड का उपयोग आप को परोसे जाने वाले कंटेंट, को सुनिश्चित करता है। लेकिन अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी कुछ कदम आगे और बढ़ रही है आपकी रुचि और आवश्यकता का आकलन करते हुए आपके सामने वह प्रोडक्ट रखा जाएगा जो लगभग आपकी रुचि के अनुकूल है। मित्रों अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें जियो से फेसबुक को क्या फायदा होगा ?
इससे फेसबुक जब अपना व्यवसाय विस्तारित करेगा तो वह निश्चित तौर पर डाटा सर्विस पर सर्वाधिक निर्भर करेगा और जिओ डाटा नेटवर्क के ग्राहक भरपूर मात्रा में जिओ के पास मौजूद है । चलिए देखते हैं आने वाले समय में क्या होता है कैसी लगी जानकारी आपको पसंद आए तो आप इसे शेयर कीजिए

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