6.8.18

भारतरक्षा पर्व : कलेक्टर तथा व एसपी ने भी सैनिकों के लिए लिखे सन्देश

     
 स्लम की प्रतिभा  मास्टर तरुण अहिरवार ने आखिर अपने सैनिक के साथ डीएम साहिबा
 का फोटो करवा ही लिया .  


 जागरण पत्र समूह द्वारा 6 वर्षों से चलाई जा रही है एक मुहिम जिसे  भारत रक्षापर्व  के नाम से जाना जाता है. 02 अगस्त 2018 को जबलपुर से सैनिकों के लिए शहर भर के शैक्षिक संस्थानों स्वयम सेवी संगठनों से रक्षा-सूत्र एकत्र करते हुए रक्षा पर्व रथ को संभागीय बालभवन जबलपुर से भोपाल के लिए  कलेक्टर छवि भारद्वाज व एसपी अमित सिंह ने रथ को हरी झंडी दिखाकर भोपाल के लिए रवाना किया गया ।
भारतरक्षा पर्व का समापन संभागीय बाल भवन में किया गया । जहां कलेक्टर छवि भारद्वाज व एसपी अमित सिंह ने रथ को हरी झंडी दिखाकर भोपाल के लिए रवाना किया। बाल भवन में हुए समापन समारोह मेंनई दुनिया परिवार से यूनिट हैड गुरुदयाल सिंह, संपादक अनूप शाह के साथ संभागीय बाल भवनके संचालक गिरीश बिल्लौरे उपस्थित रहे । बाल भवन के बच्चों ने देशभक्ति गीतों से सजी प्रस्तुतियां डॉ.शिप्रा सुल्लेरे के निर्देशन में दी ।  




डॉ. रेणु पांडे के निर्देशन में बच्चों ने राखियां और कार्ड बनाकर सीमा पर तैनात सैनिक भाइयों के लिए भेजे । कार्यक्रम की आयोजना में श्री देवेन्द्र यादव एवं श्री सोमनाथ सोनी की विशेष भूमिका थी.


बाल भवन से लगभग हजार राखियां सैनिकभाइयों के लिए भेजी गईं। कलेक्टर छवि भारद्वाज ने बाल भवन के बच्चों की प्रतिभा को सराहा । उन्होंने कहा कि नईदुनिया के भारत रक्षा पर्व अभियान से जुड़ना गर्व की अनुभूति है। एसपी अमित सिंह ने कहा कि सैनिक बाहरी तौर पर हमारी रक्षा कर सकते हैं लेकिन समाज, घर-परिवार में आंतरिक रूप से रक्षा हम लोगों को ही करना है। इसलिए हम संकल्प लें कि यदि किसी विवाहित महिला से राखी बंधवाते हैं तो प्रण करें कि हर विवाहित स्त्री का सम्मान करेंगे। इसी तरह यदि
अपनी छोटी बहन से राखी बंधवाते हैं तो प्रण लें कि उनकी उम्र की या उससे छोटी सभी बहनों व बेटियों की रक्षा करेंगे .
कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज तथा व एसपी श्री अमित सिंह ने भी लिखे सन्देश
सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए कलेक्टर जबलपुर एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने भी सन्देश लिखकर इस अभियान को उंचाई प्रदान की .


एसपी श्री अमितसिंह  को  समारोह स्थल पर आता देख बाल भवन के एक नन्हें बच्चे ने कहा :- ये असली पुलिस है क्या..?
एस पी अमित सिंह ने उस बच्चे के भोलेपन पर आकर्षित होकर उसेबताया :- “हाँ.. बेटा असली है... और प्यार से गले लगाया साथ ही उसे अपनी कैप पहनाकर पूछा – आप भी पुलिस बनोगे .


    कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज को लौटाया उनके बालपन में बेटियों ने
 दिन भर की व्यस्तता एवं प्रशासनिक दायित्वों का निर्वाहन करना अपने आप में कठिन साधना है. पर अगर बच्चों से आप घिरे तो समझिये आपकी थकान ही निकल जाती है. कुछ ऐसा ही हुआ कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज के साथ . वे जब वापस जा रहीं थीं तो बालिकाओं ने सैल्फी की इच्छा ज़ाहिर की उनकी सहमती मिलते ही बेटियों ने खूब सैल्फी ली डी एम साहिबा के साथ.

प्रेस क्लिपिंग्स 
रिपोर्ट: सुश्री अनुकृति श्रीवास्तव, श्रीमती अर्चना ठाकुर, के साथ श्री पियूष बाजपेई 
दुबई से आई बेटी श्रीया ने भी भेजी राखी 



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मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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