दीदी ज्ञानेश्वरी |
जीवन के लिए सबसे
जरूरी चीज शिक्षा है जो हमारा अधिकार भी है। संपूर्ण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ
हमारी समझदारी भी आवश्यक है। तदाशय के विचार व्यक्त करते हुए दीदी ज्ञानेश्वरी ने संभागीय
उपसंचालक,
महिला सशक्तिकरण कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये । उन्होने आगे कहा कि समाज में बदलाव
देखे जा रहे है फिर भी निरंतर सकारात्मक परिर्वतन की आवश्यकता है। पर्यावरण की समस्या
लिंगभेद,
समाजिक एकात्मकता के बिन्दुओं को उठाते हुए पूज्य ज्ञानेश्वरी
दीदी ने समाज में बेटे-बेटी के बीच भेदभाव घटाने पर बल दिया ।
श्रीमति उजयारो बाई बैगा |
आयुक्त,
महिला सशक्तिकरण, म.प्र. श्रीमति कल्पना
श्रीवास्तव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप श्रीमति मनीषा लुम्बा, उप संचालक महिला,
महिला सषक्तिकरण, जबलपुर संभाग, जबलपुर की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के समापन समारोह को स्थानीय होटल कल्चुरी
रेसीडेंसी में दिनांक 21 मार्च 2016 में आयोजन किया गया ।
समापन समारोह की मुख्य
अतिथि अध्यात्मिक चिंतक पूज्य ज्ञानेश्वरी दीदी तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध
समाज सेवी एवं केन्द्रीय कारागार में नशामुक्ति के क्षेत्र में कार्यरत श्रीमति अरूणा
सरीन ने की। कार्यक्रम में संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें
व सामाजिक न्याय क्रमशः डा. रंजना गुप्ता व सुश्री राजश्री राय, श्रीमति मनोरमा तिवारी एवं उपनिगमायुक्त श्रीमति अंजु सिंह बघेल विशिष्ट अतिथि
के रूप में उपस्थित रही ।
इस अवसर पर श्रीमति अरूणा सरीन ने कहा कि-“समाज को बदलने के लिए सच्चे
मन से की गई कोशिशें ही सफल होती है ।
अपराधियों को जेल भिजवाने वाली बालिका का मान |
अंतर्राष्ट्रीय महिला
दिवस अंतर्गत सप्ताह भर आयोजित कार्यक्रमों
के संबंध में श्रीमति मनीषा लुम्बा, उपसंचालक महिला सशक्तिकरण
जबलपुर संभाग एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी जबलपुर एवं नरसिंहपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय
महिला दिवस पर उनके जिलों में आयोजित कार्यक्रमों के बारे में प्रतिभागियों को बताया
गया।
कार्यक्रम में संभागाधीन
जिलों में अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया
एवं ऐसे पुरूषों को सम्मानित किया गया जिन्होनें महिलाओं सम्मान एवं विकास के लिए काम
किया है जिनमें जबलपुर की श्रीमति मनोरमा तिवारी(साहित्य) रेणु पाण्डे(कला) क्षिप्रा
सुल्लेरे(संगीत),
सैलजा सुल्लेरे(महिला स्वावलंबन) कुमारी तान्या बडकुल(चित्रकला)
आरती साहू,
सच्चा प्रयास, न्यू शिक्षा प्रचार
समिति, सदभावना नशामुक्ति केन्द्र जिला डिण्डौरी से श्रीमति उजयारो बाई(विश्व आदिवासी
सम्मेलन,
डर्बन में भाग लेने हेतु), सुश्री सुनीता उईके(नवाचार के जरिये आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा को बढावा, जिला-बालाघाट से श्रीमती मंजू बोरकर, श्रीमति रीता गौतम, श्रीमति शीला सिंह,
कुमारी लक्ष्मी टेंभरे, जिला-छिन्दवाड़ा से
रीता चैरसिया,
वैशाली डहेरिया, श्री राकेश शर्मा, श्री प्रेमचंद पाण्डे,
जिला-मण्डला श्रीमति उत्तरा पडवार, कुमारी शादाब खान जिला-सिवनी की शिक्षिका श्रीमति अनीता राम जिनके साहस से 04 डकैतों को पकडा जा सका, सुश्री शिवाली पाठक, साक्षी सोनी,
जिला-नरसिंहपुर से स्वयं को अपहरण से बचाने वाली सुश्री बरखा
राय एवं वर्षा राय व सबसे कम उम्र की सरपंच सुश्री मीना कौरव, जिला-कटनी से सुश्री श्रेजल तपा, कुमारी सायना, सुश्री रोशनी हल्दकार आदि को प्रसस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
गया है ।
कार्यक्रम में बाल भवन के बाल कलाकरों द्वारा
सरस्वती वंदना,
स्वागतम् लक्ष्मी गीत एवं लाडो गीत की प्रस्तुति दी गई
प्रारंभिक भाषण में श्रीमति राजश्री राय
ने कहा-“महिलाओं के सामाजिक अधिकारों के लिए सामाजिक विभाग निरंतर कार्य कर रहा है, महिला सशक्तिकरण संचालनालय के साथ सभी विभाग महिला के अधिकारों एवं कार्यक्रमों
में सतत् साथ-साथ है।“
इसी क्रम डा. रंजना गुप्ता ने कहा-“रूढियों को तोडते हुए हमें महिलाओं को उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील
बनाने के लिए प्रदेश सरकार के सभी विभाग संकल्पित है।“
श्रीमति अंजु सिंह बघेल, डिप्टी कमिश्नर,
नगरनिगम, जबलपुर ने कहा कि-“जेंडर संवेदनशीलता के परिपेक्ष्य में प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश
सरकार बेहद प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है।“
इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग में प्रभावी
एवं उत्कृष्ट सेवायें देने के लिए श्रीमति आनंद ज्योति पाठक, विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ
ही अतिथियों को भी साल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एकीकृत बाल
विकास सेवायें एवं महिला सशक्तिकरण के जिला, खण्ड स्तरीय अधिकारी, संस्था आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।